IND vs BAN, Jitesh Sharma : रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टेस्ट टीम इंडिया ने अपने घर में बांग्लादेश को दो टेस्ट मैचों की सीरीज में बुरी तरह 2-0 से हराया. जिसके बाद अब सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली टी20 टीम इंडिया को बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज खेलनी है. इसके लिए विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा को इशान किशन की जगह दूसरी बार टीम इंडिया में मौका मिला और वह इसे पूरी तरह भुनाने के लिए तैयार हैं. जितेश का पिछली बार टी20 टीम इंडिया के लिए प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा था. जिससे वह ऋषभ पंत की वापसी के चलते आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 वाली टीम इंडिया में जगह नहीं बना सके थे. जितेश ने बताया कि कैसे जब टी20 वर्ल्ड कप वाली टीम इंडिया में उन्हें जगह नहीं मिली तो आंखें पूरी तरह से खुल गईं थी.
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जितेश शर्मा का दर्द आया बाहर
30 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा भारत के लिए अभी तक 9 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 100 रन ही बना सके हैं. जबकि पिछली छह पारियों में वह 35, 24, 1, 4, 31 और 0 रन ही बना सके हैं. जितेश ने इस बात को स्वीकारा कि उस समय उनकी फॉर्म सही नहीं थी और नेटवर्क-18 से बातचीत में कहा,
मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि उस समय मेरी फॉर्म में गिरावट आ गई थी. क्योंकि मैं भारत के लिए जिस नंबर पर बल्लेबाजी करने आता था. वहां से टीम को मैच जिताने और हमेशा फिनिश करने के बारे में सोचता था. उस समय मेरे दिमाग में टी20 वर्ल्ड कप में चयन हावी हो गया था और मैं इसके बारे में काफी अधिक सोचने लगा था. लेकिन अब मुझे इस बात का पछतावा नहीं है और जो भी होता है अच्छे के लिए होता है.
वर्ल्ड कप में चयन नहीं हुआ तो आंख खुल गई
जितेश ने भारत के लिए पिछला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच इसी साल जनवरी माह में अफगानिस्तान के खिलाफ खेला था. लेकिन उसके बाद से वह टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे. जितेश ने मिलने वाले दूसरे मौके को लेकर आगे कहा,
जब वर्ल्ड कप की टीम का ऐलान हुआ, तब आंखें खुलीं. तब मुझ पर कोई दबाव नहीं था. मेरा दिमाग ठीक से काम करने लगा. मैं अपने खेल का एनालिसिस कर सकता था, जो पिछली दो आईपीएल पारियों में भी दिखाई दिया.हालांकि ऐसा पहली बार था, जब मैं वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाने की रेस में शामिल था. इसलिए ठीक है जो कुछ भी हुआ.
अब मैदान में आने का इंतजार
अब बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए पूरी तरह से तैयार जितेश शर्मा ने कहा,
कुछ महीने पहले मैंने एक सबक सीखा, वह यह है कि किसी भी चीज़ से बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए. इसलिए अब मैं अपनी बल्लेबाजी, विकेटकीपिंग और एक क्रिकेटर के तौर पर खुद को कैसे बेहतर बनाना है. इस पर ज़्यादा ध्यान दे रहा हूं. यही प्रोसेस जारी रहेगा, चाहें आप टीम में हो या नहीं. टीम इंडिया की जर्सी पहनना हमेशा एक शानदार एहसास होता है. साथ ही टीम में वापस आना भी अच्छा है. मैं इस सीरीज़ के लिए काफी बेताब हूं.