श्रेयस अय्यर ने कमियां गिनाने वाले लोगों पर बोला हमला, एटीट्यूड के मसले पर बोले- चिढ़ता हूं जब कोई...

श्रेयस अय्यर इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के जरिए फिर से भारतीय टीम में खेलते हुए नज़र आएंगे. वे आखिरी बार जुलाई-अगस्त में श्रीलंका दौरे पर खेले थे. अय्यर भारत की केवल वनडे टीम का ही हिस्सा हैं.

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Shreyas Iyer

श्रेयस अय्यर.

Highlights:

श्रेयस अय्यर की कप्तानी में मुंबई ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती.

श्रेयस अय्यर के नेतृत्व में कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल 2024 जीता था.

श्रेयस अय्यर घरेलू क्रिकेट में मुंबई की तरफ से खेल रहे हैं.

श्रेयस अय्यर इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के जरिए फिर से भारतीय टीम में खेलते हुए नज़र आएंगे. वे आखिरी बार जुलाई-अगस्त में श्रीलंका दौरे पर खेले थे. अय्यर भारत की केवल वनडे टीम का ही हिस्सा हैं. इस वजह से बाकी सीरीज में नहीं खेले. इस बीच घरेलू क्रिकेट में वे मुंबई की तरफ से खेल रहे थे. उनकी कप्तानी में मुंबई ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती. श्रेयस अय्यर अपने रवैये के चलते लोगों के निशाने पर रहते हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि वे एटीट्यूड रखते हैं. श्रेयस का मानना है कि वे ऐसा जानबूझकर नहीं करते बल्कि दिल से बोलने वाले शख्स हैं. ऐसे में लोगों को गलतफहमी होती है.

श्रेयस ने दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अपनी पर्सनेलिटी को लेकर कहा, 'मेरा सफर उतार-चढ़ाव वाला रहा है लेकिन मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि मैं इसे किसी के लिए बदल नहीं सकता. अगर वे मुझे नहीं समझते तो कभी समझ भी नहीं पाएंगे. मैं जैसा हूं वैसा हूं, सही को सही और गलत को गलत कहता हूं. मैं इधर-उधर की बात नहीं करता और अगर मुझे कुछ कहना है तो सीधे मुंह पर बोलता हूं. अगर किसी को बुरा लगता है तो ठीक है लेकिन मैं ऐसा ही हूं और इसी तरह बड़ा हुआ हूं. जब भी आप लोग कहते हैं कि मेरे में एटीट्यूड और घमंड है तो ऐसा नहीं है कि मैं जानबूझकर करता हूं लेकिन यही मेरा व्यक्तित्व है. मैं थोड़ा रिजर्व हूं लेकिन थोड़ा खुला हूं और दूसरे शख्स को भी समझने की कोशिश करता हूं. दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की कभी मंशा नहीं रही है.'

श्रेयस अय्यर ने शॉर्ट बॉल की आलोचना पर क्या कहा

 

श्रेयस अय्यर को शॉर्ट बॉल नहीं खेल पाने के चलते भी आलोचनाएं झेलनी पड़ती हैं. इस बारे में उन्होंने कहा कि कई बार वे ऐसी बातों से चिढ़ जाते हैं. श्रेयस ने कहा, 'हां, चिढ़ होती है, विशेष रूप से तब जब ऐसे लोग बोलते हैं जिन्होंने कभी 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार की गेंद नहीं खेली है. वे आपको अलग तरह से खेलने को कहते हैं. लेकिन मैं कहूंगा कि यह उसका ओपिनियन है. उनके पास बोलने का अधिकार है लेकिन वे आपस में बात कर सकते हैं न कि सीधे खिलाड़ी से.'

 

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