भारत और इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीमों के बीच इकलौते टेस्ट के पहले दिन शुभा सतीश ने बैटिंग से लोहा मनवा लिया. कर्नाटक से आने वाली इस खिलाड़ी ने डेब्यू टेस्ट के पहले ही दिन अर्धशतक लगाया. उनके अलावा जेमिमा रॉड्रिग्स, यस्तिका भाटिया और दीप्ति शर्मा ने भी फिफ्टी बनाई और भारतीय महिला टीम ने सात विकेट पर 410 रन का स्कोर बना दिया. भारत की ओर से शुभा सर्वोच्च स्कोरर रही जिन्होंने 69 रन बनाए. उनकी पारी में 13 चौके शामिल रहे. उन्होंने 49 गेंद में फिफ्टी पूरी की जो भारत की ओर से महिला क्रिकेट में दूसरी सबसे तेज है. इस तरह से शुभा के लिए घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर सहज रहा.
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मैसूर की 24 साल की शुभा के लिए पिछले कुछ हफ्ते शानदार रहे हैं. उन्होंने 12 साल की उम्र में जब बल्ला थामा था तो उनका लक्ष्य भारतीय क्रिकेटर बनने का नहीं था लेकिन 12 साल तक ‘प्रक्रिया’ से गुजरने के बाद उन्हें अंतत: टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. एक हफ्ते के भीतर शुभा को वीमेंस प्रीमियर लीग के लिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से जुड़ने का मौका मिला और साथ ही वह टेस्ट डेब्यू भी करने में सफल रहीं. वह डेब्यू करते हुए अर्धशतक जड़ने वाली 12वीं भारतीय बल्लेबाज हैं.
शुभा ने 76 गेंद में 69 रन की आक्रामक पारी खेली लेकिन उनके इस अंदाज से उनके मेंटॉर (मार्गदर्शक) रजत सतीश हैरान नहीं हैं. सतीश ने पीटीआई से कहा, ‘शुरू से ही वह आत्मविश्वास से भरी लड़की रही है. वह जब भी बल्लेबाजी के लिए जाती है तो आक्रामक खेल खेलती है. उसने 2014-15 में क्रिकेट खेलना शुरू किया. इसके तीन से चार साल बाद वह कर्नाटक के लिए अंडर-19 और अंडर-23 और फिर सीनियर टीम में खेली.’
मैसूर क्रिकेट में दादा कहलाती हैं शुभा
सतीश ने खुलासा किया कि मैसूर क्रिकेट जगत में शुभा को प्यार से ‘दादा’ कहा जाता है लेकिन इसका संबंध पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली से नहीं बल्कि दिवंगत कन्नड़ अभिनेता विष्णुवर्धन से है. उन्होंने कहा, ‘हम मैसूर में उसे ‘दादा’ कहते हैं. वह फिल्म अभिनेता विष्णुवर्धन की तरह चीजें करने की कोशिश करती थी. विष्णुवर्धन उसके आदर्श हैं.’
शुभा का कमाल रिकॉर्ड
सतीश ने कहा कि अगर यह मैच कर्नाटक में होता तो शुभा के पिता उसका डेब्यू मैच देखने आ सकते थे. शुभा के पिता भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड से सेवानिवृत्त हैं. बाएं हाथ की बल्लेबाज शुभा के घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन में निरंतरता रही है. वह 2021 महिला सीनियर एकदिवसीय ट्रॉफी 2020-21 में छह मैच में चार अर्धशतक से 86.50 की औसत से 346 रन बनाकर चौथी सबसे सफल बल्लेबाज रहीं. इसी प्रतियोगिता के अगले सत्र में उन्होंने सात मैच में तीन अर्धशतक से 43.83 की औसत से 263 रन बनाए.
ट्रेनिंग कैंप में खेली थी 99 रन की पारी
शुभा ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया से कहा, ‘मेरे लिए सफर अच्छा रहा है. मैं छह से सात साल से घरेलू क्रिकेट खेल रही हूं. भारतीय टीम में जगह मिलना सपना साकार होने की तरह था.’ बेंगलुरू में ट्रेनिंग शिविर के दौरान भारतीय टीमों के बीच आपसी मुकाबले में शुभा ने 99 रन की पारी खेली थी और सतीश ने कहा कि इसने टेस्ट टीम में उनके चयन में अहम भूमिका निभाई. सतीश ने कहा, ‘भारत और भारत ए टीम ने बेंगलुरु में अभ्यास मैच खेला. उसने पहली पारी में 99 रन बनाए और उसे जेमिमा (रॉड्रिग्स) ने आउट किया.’
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