वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final) में टीम इंडिया को खिताब पर कब्जा करने के लिए सिर्फ 280 रन बनाने हैं. टीम के पास फिलहाल 7 विकेट बाकी हैं और एक दिन और है. क्रीज पर विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे डटे हुए हैं. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के जरिए 469 रन खाने के बाद टीम इंडिया को कंगारुओं ने बिल्कुल मौका नहीं दिया. ऐसे में अब सबकुछ पांचवें दिन पर आ टिका है.
ADVERTISEMENT
विराट और रहाणे पर पूरी टीम निर्भर
ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 8 विकेट पर 270 रन बनाए और पारी घोषित कर दी. इस तरह कंगारुओं ने भारत के सामने 444 रन का लक्ष्य दिया. भारत ने अच्छी शुरुआत दी लेकिन चौथे दिन का खेल खत्म तक टीम ने 3 विकेट गंवा दिए. ऐसे में टीम को जीत के लिए 280 रन की जरूरत है. विराट कोहली फिलहाल 44 रन बनाकर क्रीज पर बने हुए हैं और रहाणे 20 रन बनाकर खेल रहे हैं. रहाणे ने पिछली पारी में 89 रन शानदार पारी खेली थी.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि, क्या टीम इंडिया रन चेज कर पाएगी? इससे पहले भारत ने कई अहम मौके पर बड़े मुकाबले गंवाए हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से टीम इंडिया ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने कमाल का खेल दिखा रही है. कंगारुओं के लिए wtc के बाद एशेज हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के लिए भी ये फाइनल जीतना बेहद जरूरी है.
ड्रॉ हुआ तो दोनों टीमों के बीच शेयर होगी ट्रॉफी
लेकिन आपको बता दें कि अगर टीम इंडिया 280 रन नहीं बना पाती है तो इसके बावजूद भी टीम चैंपियन बन सकती है. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के कंडीशन के अनुसार अगर मैच ड्रॉ पर खत्म हो जाता है तो दोनों टीमों के बीच ट्रॉफी शेयर होगी और प्राइज मनी को दोनों टीमों के बीच बांट दिया जाएगा. बता दें कि WTC प्लेइंग कंडीशन के नियम 16.3.3 के अनुसार, अगर मैच ड्रॉ होता है या बारिश के चलते धुलता है तो दोनों टीमों को जॉइंट विजेता घोषित कर दिया जाएगा. क्योंकि अगर पहले सेशन में विराट और रहाणे का विकेट गिरता है तो इसके बाद भारत को ड्रॉ के लिए खेलना होगा.
हालांकि ऑस्ट्रेलिया के सामने सबसे बड़ा चैलेंज विराट का विकेट लेना है. 5वें दिन विराट का शानदार रिकॉर्ड है. विराट ने 14 पारी में 5वें दिन बल्लेबाजी करते हुए कुल 696 रन ठोके हैं.
ये भी पढ़ें:
28 टेस्ट मैच, 29.7 की औसत, पुजारा का बेहद खराब रिकॉर्ड उन्हें टीम इंडिया से कर सकता है हमेशा के लिए बाहर
14 पारी और 696 रन, 5वें दिन आग उगलता है विराट कोहली का बल्ला, लंदन में चमत्कार की उम्मीद