ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में हर्षित राणा पर काफी दबाव था. उन्हें चयन को लेकर काफी बहस भी हुई. उन्हें हेड कोच गौतम गंभीर का चहेता बताया गया. सीरीज के शुरुआती दो मैचों में उनके प्रदर्शन की आलोचना भी हुई. इन सबसे बावजूद राणा ने अपने मौके का इंतजार किया और सिडनी में खेले गए सीरीज के आखिरी मैच में उन्हें वो मौका मिल ही गया. उन्होंने सिडनी में चार विकेट लेकर इतिहास रचा. इसके बाद उन्होंने जश्न मनाया और चुपचाप टीम के साथ ड्रेसिंग रूम में चले गए.उनकी चुप्पी सब कुछ बयां कर रही थी.
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एससीजी की पिच पर गति और उछाल पैदा करते हुए राणा ने 8.4 ओवर में 39 रन देकर 4 विकेट लिए, उनका इकॉनमी रेट 4.50 का रहा, जिससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 236 रनों पर आउट कर दिया. काफी आलोचना के बावजूद गौतम गंभीर की चेतावनी ने राणा को अच्छे प्रदर्शन के लिए उत्साहित किया. राणा को गंभीर ने कहा कि परफॉर्म कर, वरना बाहर बिठा दूंगा.
गंभीर ने किया प्रेरित
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार अपने बचपन के कोच शरवन के साथ फोन पर राणा ने स्वीकार किया कि उन्हें काफी दबाव का सामना करना पड़ा. शरवन ने खुलासा किया कि सिडनी मैच राणा के लिए एक बड़ी परीक्षा थी. शरवन ने कहा कि राणा अच्छा प्रदर्शन करना चाहते थे और बाहरी शोर को रोकना चाहते थे और यह गंभीर ही थे जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया.
गंभीर की पड़ी थी डांट
शरवन ने बताया कि राणा ने मुझे फोन किया और कहा कि वह अपने प्रदर्शन से बाहरी शोर को बंद करना चाहते हैं. मैंने बस इतना कहा कि खुद पर भरोसा रखो. मुझे पता है कि कुछ क्रिकेटर कहते हैं कि वह गंभीर के करीबी हैं, लेकिन गंभीर प्रतिभा को पहचानना जानते हैं और उनका समर्थन करते हैं. उन्होंने कई क्रिकेटरों का समर्थन किया है और उन्होंने अपनी टीम के लिए कमाल का प्रदर्शन किया है. उन्होंने हर्षित को बुरी तरह डांटा भी. उन्होंने सीधे तौर पर कहा था कि परफ़ॉर्म कर, वरना बाहर बिठा दूंगा. वह जो भी हो, उसे साफ़ संदेश देते हैं. भारत ने तीसरा वनडे 9 विकेट से जीतकर सीरीज में सफाया होने से खुद को बचा लिया था.ऑस्ट्रेलिया ने तीन मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की.
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