भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में वो हार मिली है जिसकी कल्पना न तो कोच गौतम गंभीर और न ही टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने की थी. न्यूजीलैंड ने 36 साल बाद भारत में पहला टेस्ट जीता जब टीम ने बेंगलुरु में भारत को हराया. इसके बाद टीम ने पुणे टेस्ट जीतकर सीरीज पर कब्जा किया और फिर 24 साल बाद भारत को उसी की जमीन पर व्हाइटवॉश किया. पूरी सीरीज में टीम के बल्लेबाज फेल रहे. न्यूजीलैंड की टीम ने भारतीय पिचों को ही अपना हथियार बनाया और हर तरफ से टीम इंडिया को घेरकर 3-0 से सीरीज अपने नाम कर ली.
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लेकिन अब इस हार के बाद बीसीसीआई एक्शन मोड है. बोर्ड जल्द ही इस हार को लेकर चर्चा करने वाली है जिसमें टीम के हेड कोच गौतम गंभीर के फैसलों के साथ रोहित शर्मा और विराट कोहली के खराब प्रदर्शन पर भी चर्चा हो सकती है.
बता दें कि गंभीर ने जब से टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली तब से भारत को हार झेलनी पड़ी है. टीम को श्रीलंका के खिलाफ 27 साल बाद वनडे सीरीज में हार मिली. और अब न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर व्हाइटवॉश. ऐसे में बीसीसीआई की चर्चा के दौरान गंभीर, रोहित और विराट से जो पांच कड़े सवाल पूछे जाएंगे उसकी हम लिस्ट लेकर आ चुके हैं.
गौतम गंभीर के फैसले
बता दें कि बोर्ड यहां गौतम गंभीर के फैसलों पर सवाल कर सकता है. पूरी सीरीज में गंभीर ने कुछ ऐसे फैसले लिए जो भारत के पक्ष में नहीं गए. जैसे तीसरे टेस्ट में मोहम्मद सिराज को नाइट वॉचमैन के तौर पर भेजना. या फिर सरफराज खान को 8वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजना. ऐसे में ये कोच और कप्तान के ही फैसले थे जो टीम पर भारी पड़े. इसके अलावा गंभीर के पास नीतीश रेड्डी और हर्षित राणा को भी टीम के भीतर शामिल करने का ऑप्शन था लेकिन गंभीर ने ऐसा नहीं किया जिसका नुकसान उन्हें झेलना पड़ा. वहीं तीसरे टेस्ट से जसप्रीत बुमराह को आराम देना.
विराट- रोहित पर गिर सकती है गाज
विराट कोहली और रोहित शर्मा न्यूजीलैंड के खिलाफ पूरी सीरीज में बल्ले से पूरी तरह फ्लॉप रहे. दोनों ही बल्लेबाजों ने 6 पारी में 100 से भी कम रन बनाए हैं. ऐसे में अगली सीरीज बॉर्डर गावस्कर है और कहा जा रहा है कि इन दोनों बल्लेबाजों के लिए ये आखिरी सीरीज होगी. अगर यहां ये बल्लेबाज फ्लॉप होते हैं तो दोनों का टीम से पत्ता कट सकता है.
पिच को पढ़ने में गलती
बेंगलुरु टेस्ट हारे के बाद रोहित शर्मा ने कहा था कि उनसे पिच पढ़ने में गलती हो गई और यही कारण था कि पहली पारी में पूरी टीम सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई. इसके अलावा वानखेड़े की पिच पर रैंक टर्नर बनाई गई जिसमें अंत में टीम इंडिया ही जाकर फंस गई. ऐसे में पिच को लेकर इतनी कंफ्यूजन क्यों हुई और कोच और कप्तान अपनी ही पिच को क्यों नहीं पढ़ पाए.
सीनियर खिलाड़ियों ने क्यों नहीं खेला डोमेस्टिक क्रिकेट
बेंगलुरु और अनंतपुर के मैदान पर जब दलीप ट्रॉफी का आयोजन हो रहा था तब ये रिपोर्ट आई थी कि इसमें विराट- रोहित के साथ अन्य सीनियर खिलाड़ी भी खेल सकते हैं. लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की हाल की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि सीनियर खिलाड़ियों ने ये कहते हुए मना कर दिया था कि ये टूर्नामेंट ज्यादा अहम नहीं है. सभी ने अपना नाम इसलिए वापस ले लिया था. हालांकि सेलेक्टर्स चाहते थे कि लंबे गैप के बाद अगर क्रिकेटर्स इसमें हिस्सा लेते तो उन्हें प्रैक्टिस का मौका मिलता.
वर्कलोड मैनेजमेंट
बता दें कि कई खिलाड़ियों ने बोर्ड के सामने वर्कलोड मैनेजमेंट की बात रखी है और बोर्ड ने भी उन खिलाड़ियों की बात मानी है. लेकिन अब कहा जा रहा है कि कई खिलाड़ियों ने किसी फॉर्मेट या सीरीज में न खेलने को लेकर इसे बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया है. ऐसे में बोर्ड इसपर भी चर्चा करेगा कि किन खिलाड़ियों को वर्कलोड मैनेजमेंट की जरूरत है और किन्हें नहीं.
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