न्यूजीलैंड टीम जब भारत पहुंची तब टीम का आत्मविश्वास निचले स्तर पर था. श्रीलंका दौरे पर उसे बुरी तरह हार झेलनी पड़ी थी. इसके बाद केन विलियमसन भी पहले टेस्ट से बाहर हो गए. ऐसे में किसी ने भी इस टीम को भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टक्कर देने लायक भी नहीं समझा था जीत तो बहुत दूर की बात रही. लेकिन कीवी टीम ने 3-0 से मेजबान का सफाया कर न केवल क्रिकेट की दुनिया में हलचल मचाई बल्कि इतिहास रचा. न्यूजीलैंड पहली टीम है जिसने भारत में दो से ज्यादा मैच की सीरीज में सफाया किया है. उसने 12 साल और 18 सीरीज से घर पर अजेय रहने के टीम इंडिया के रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया. इस कामयाबी में दाएं हाथ के बल्लेबाज विल यंग का अहम रोल रहा. उन्हें प्लेयर ऑफ दी सीरीज चुना गया. तीनों टेस्ट में उन्होंने उपयोगी पारियां खेलीं.
यंग ने तीन टेस्ट में 48.80 की औसत से 244 रन बनाए. वे इस सीरीज में ऋषभ पंत (261) और रचिन रवींद्र (256) के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. लेकिन मुंबई में 71 और 51 रन की पारियां खेलकर उन्होंने अपनी टीम की जीत में सबसे बड़ा योगदान दिया. इस सीरीज से पहले तक यंग की कीवी टीम में जगह तय नहीं थी. 2020 में डेब्यू करने के बाद से वे अभी तक केवल 19 टेस्ट खेल सके हैं. अगर विलियमसन होते तो भारत के खिलाफ सीरीज में भी उन्हें मौका नहीं मिलता. यंग ने भारत पर जीत के बाद कहा कि पूर्व कप्तान के नहीं होने से उन्हें छाप छोड़ने का मौका मिला. वह चार साल से पानी पिला रहे थे और वे इस भावना को अच्छे से जानते हैं कि इसका क्या मतलब होता है.
यंग ने लगातार मौके नहीं मिलने पर क्या कहा
यंग ने मुंबई टेस्ट के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'चार साल पहले मेरे डेब्यू के बाद से मैं लगातार टीम से अंदर-बाहर रहा हूं. मैं सालों से रिजर्व बल्लेबाज हूं तो ड्रिंक्स लेने जाने के अहसास को समझता हूं. जब मुझे मौका मिलता है तो मैं मैदान पर जाने को लेकर उत्साहित रहता हूं और अपने तरीके से अपना काम करना चाहता हूं. मैं केन या किसी और को रिप्लेस नहीं करना चाहता, बस अपना खेल खेलना चाहता हूं और किसी की जगह लेने के बजाए अपने लिए एक बड़ा मौका समझता हूं.'
यंग बोले- भारत में रन बनाना संतोषजनक
यंग ने कहा कि भारत के खिलाफ पुणे और मुंबई जैसे स्पिन की मददगार पिचेज पर रन बनाना संतोषजनक रहा. उन्होंने कहा, 'अगर आप सभी तीनों मैच को देखेंगे तो हर जगह अलग चुनौती थी. बेंगलुरु में काफी विकेट स्पिन पर गिरे थे और पुणे व मुंबई में तो स्पिन के सामने ज्यादा चुनौती रही. न्यूजीलैंड बल्लेबाज के तौर पर यहां आना और भारतीय हालात में खेलना, ऐसे में स्पिन के खिलाफ रन बनाना संतोष देता है. इसलिए मुझे लगता है कि पुणे या मुंबई में रन बनाना खास रहा.'
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