नीतीश कुमार रेड्डी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ टेस्ट से डेब्यू किया. उन्होंने टीम इंडिया की पहली पारी में शानदार बैटिंग करते हुए 41 रन बनाए. वे दोनों टीम की तरफ से पहली पारी में सर्वोच्च स्कोरर रहे. नीतीश रेड्डी ने 59 गेंद का सामना किया और छह चौके व एक छक्का लगाया. 21 साल के इस खिलाड़ी ने बहुत कम फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला है लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा किया और पर्थ में टेस्ट डेब्यू का मौका दिया. उन्होंने पहले दिन के खेल के बाद अपनी दायीं बाजू पर बने बाघ और योद्धा के टैटू का राज खोला. ऑस्ट्रेलिया के 7Cricket से बात करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें इस टैटू से खेल में मदद मिलती है.
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रेड्डी ने 7Cricket से बात करते हुए कहा, 'टैटू एक योद्धा और बाघ को दिखाता है. जब भी मैं इस टैटू को देखता हूं, मैं महसूस करना चाहता हूं कि जब आप मैदान पर हों तब आप योद्धा हो. इसलिए जब एक बाघ जंगल में अपना इलाका बनाता है तो वह किसी दूसरे जानवर या किसी चीज को उसमें आने नहीं देता. इसलिए मैं भी ऐसा ही महसूस करना चाहता हूं. जैसे आप जब मैदान पर हो तब ऐसा होना चाहिए कि आप राजा हो. मैं ऐसा ही चाहता हूं.'
नीतीश आईपीएल 2024 से चमके
21 साल के नीतीश आईपीएल 2024 में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए सुर्खियों में आए थे. इसके बाद अक्टूबर में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वे भारत के लिए सीम बॉलिंग ऑलराउंडर की भूमिका में थे. इसी वजह से उन्हें इंडिया ए के साथ भेजा गया था. इसका फायदा पर्थ टेस्ट में भारत की पहली पारी में दिखा. रेड्डी ने आठवें नंबर पर उतरकर कमाल किया. उन्होंने ऋषभ पंत (37) के साथ आठवें विकेट के लिए 48 रन की साझेदारी की. इससे भारतीय टीम को 150 रन तक पहुंचने में मदद मिली.
नीतीश रेड्डी ने खोला बाउंसर खेलने का राज
नीतीश ने पहले दिन ऑस्ट्रेलियाई बॉलर्स की बाउंसर्स का जोरदार तरीके से सामना किया. उन्होंने खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'मैंने पर्थ विकेट (पिच) के बारे में बहुत कुछ सुना है. बल्लेबाजी से पहले मन में थोड़ी घबराहट थी. मेरे दिमाग में यह बात थी कि हर कोई पर्थ के विकेट पर उछाल के बारे में बात कर रहा था. मुझे हालांकि हमारे आखिरी अभ्यास सत्र के बाद गौतम सर के साथ हुई बातचीत याद आ गई. वह कह रहे थे कि आपको बाउंसर का सामना उसी तरह से करना है जैसे की आप देश के लिए गोली खा रहे हो. कोच की इस बात से मेरा हौसला बढ़ा. उन्होंने जब ऐसा कहा तो मुझे लगा कि देश के लिए मुझे गोली खाने की जरूरत है. यह सबसे अच्छी बात है जो मैंने गौतम सर से सुनी है.'