भारतीय दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने गाबा टेस्ट ड्रॉ होने के तुरंत बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने अचानक ही संन्यास का ऐलान करके हर किसी को हैरान कर दिया. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अचानक अश्विन के संन्यास लेने की वजह सामने आई है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का दूसरा मैच खेलने वाले 38 साल के अश्विन ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संन्यास का ऐलान किया. उनके इस फैसले ने काफी लोगों को हैरानी में डाल दिया, मगर अब उनके संन्यास के पीछे की वजह सामने आई है.
ADVERTISEMENT
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अश्विन तो पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा ही नहीं करना चाहते थे. भारत के लिए 106 टेस्ट में 537 विकेट लेने वाले अश्विन प्लेइंग इलेवन में जगह की गारंटी मिलने तक ऑस्ट्रेलिया का दौरा नहीं करना चाहते थे.भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच में से तीन मैच खेले जा चुके हैं और अश्विन को तीन मैचों में से दो के लिए हेड कोच गौतम गंभीर ने नजरअंदाज किया, जिसके बाद उन्होंने बड़ा फैसला लिया. रिपोर्ट की मानें तो एक सोर्स का कहना है-
रिपोर्ट की मानें तो पर्थ टेस्ट में भी अश्विन का झटका लग गया था.
पर्थ टेस्ट में अश्विन की जगह वाशिंगटन सुंदर को खिलाने के भारत का फैसले के बाद उनहें रिटायरमेंट का मना बना लिया था. हालांकि रोहित के मनाने पर एडिलेड में वो पिंक बॉल से खेले गए टेस्ट के लिए अश्विन की वापसी हुई, लेकिन उसके बाद ब्रिसबेन टेस्ट के लिए रवींद्र जडेजा को प्राथमिकता दी गई. जैसा कि रोहित ने गाबा में ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के बाद कहा था, कोई नहीं जानता कि मेलबर्न और सिडनी में होने वाले बाकी दो मैचों के लिए टीम कैसी होगी.
रिपोर्ट की मानें तो पर्थ में वाशिंगटन सुंदर के लिए अश्विन को बाहर करने का फैसला रोहित की गैरमौजूदगी में लिया गया था, जिसमें कथित तौर पर कोच गौतम गंभीर की अहम भूमिका थी. जब तक रोहित टीम से जुड़े, उन्हें एडिलेड में खेलने के लिए अश्विन को मनाना पड़ा.
ये भी पढ़ें:
आर अश्विन को रिटायरमेंट वाले दिन जसप्रीत बुमराह ने दिया झटका, अब यहां से भी गंवाई अपनी जगह