भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ टेस्ट में कमाल की बॉलिंग के साथ ही जबरदस्त फील्डिंग भी देखने को मिली. मेजबान टीम के बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने भारतीय टीम की बैटिंग के दौरान गजब की चुस्ती दिखाते हुए एक हाथ से कैच लपका और हर्षित राणा को पवेलियन भेजा. उन्होंने यह कैच तीसरी स्लिप में तब पकड़ा जब गली में नाथन मैक्स्वीनी इसे लपकने में नाकाम रहे और छोड़ बैठे. लेकिन लाबुशेन ने इसे लपक लिया जिससे ऑस्ट्रेलिया को आठवीं कामयाबी मिली. हर्षित राणा ने अपने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में सात रन बनाए जिसमें एक चौका शामिल रहा. भारतीय टीम पर्थ टेस्ट की पहली पारी में 150 रन पर सिमट गई. हालांकि भारतीय गेंदबाजों के कमाल से ऑस्ट्रेलिया भी मुसीबत में आ गया. उसके सात विकेट 67 के स्कोर पर गिर चुके हैं.
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हर्षित ने जॉश हेजलवुड की गेंद पर गली की दिशा में शॉट लगाना चाहा लेकिन गेंद सीधा नाथन मैक्स्वीनी के पास गई. उन्होंने अपने बाएं तरफ डाइव लगाकर पकड़ना चाहा लेकिन वे इस टपका बैठे. लाबुशेन ने हालांकि आखिर तक इस पर नज़र रखी और एक हाथ से लपक लिया. उन्होंने शानदार तरीके से यह कैच लिया. इससे हेजलवुड को तीसरी कामयाबी मिली. वे ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे सफल बॉलर रहे. उन्होंने 29 रन देकर चार विकेट लिए. इनमें हर्षित के अलावा जसप्रीत बुमराह, विराट कोहली और देवदत्त पडिक्कल शामिल रहे.
मैक्स्वीनी ने लपका था यशस्वी जायसवाल का कैच
पर्थ से टेस्ट डेब्यू करने वाले मैक्स्वीनी ने इससे पहले यशस्वी जायसवाल का बढ़िया कैच लेते हुए ऑस्ट्रेलिया को पहली कामयाबी दिलाई. उन्होंने यह कैच मिचेल स्टार्क की गेंद पर लिया. जायसवाल आठ गेंद खेलकर बिना खाता खोले आउट हुए. आमतौर पर कैमरन ग्रीन ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट में गली में फील्डिंग करते हैं. लेकिन वे अभी चोट के चलते क्रिकेट से दूर हैं. इस वजह से मैक्स्वीनी को जिम्मेदारी दी गई है. वहीं लाबुशेन ने पर्थ टेस्ट की पहली पारी में हर्षित से पहले ध्रुव जुरेल का कैच लपका. इस भारतीय बल्लेबाज ने 20 गेंद खेली और दो चौकों से 11 रन बनाए.
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