भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट की सीरीज 2-2 से बराबर रही. 20 जून को लीड्स से शुरू हुई सीरीज का आखिरी मुकाबला ओवल में खेला गया और इसमें आखिरी दिन भारत छह रन से जीत गया. इस तरह एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी बराबरी के साथ खत्म हुई. इस नतीजे के बाद इंग्लैंड के हेड कोच ब्रेंडन मैक्कलम का कहना है कि भारतीय टीम ने सीरीज जीतने का मौका गंवाया. उन्होंने बताया भारत से कुछ अहम मौकों पर गलतियां हुई जिसकी वजह से उसे सीरीज में बराबरी के साथ संतोष करना पड़ा.
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भारत को इंग्लैंड से लीड्स और लॉर्ड्स टेस्ट में हार मिली थी. दोनों ही टेस्ट में भारत एक समय पर आगे था लेकिन पहले टेस्ट में नौ कैच छोड़ना उसे भारी पड़ा. वहीं लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में 193 रन का लक्ष्य हासिल करने में नाकामी मिली. मैक्कलम ने सीरीज के बाद कहा, 'पूरी सीरीज के दौरान आपको दिखेगा कि कई मौके छूट गए. भारत शायद पीछे मुड़कर देखेगा कि उनके पास हेडिंग्ले में पहले टेस्ट शायद कुछ मौके थे. यहां तक कि लॉर्ड्स में भी ऐसा था. खेल की स्वाभाविक लय हमेशा कुछ मौके देती है. यहां तक कि कल रात (चौथे दिन) हमारे लिए (हैरी) ब्रूक और (जो) रूट अच्छा खेल रहे ते. भारत के लिए वापस आना और 60 रन में सात विकेट लेना यह दिखाता है कि जो महान खेल हम खेलते हैं उसमें क्या कुछ हो सकता है.'
ब्रैंडन मैक्कलम ने बैजबॉल स्टाइल पर क्या कहा
मैक्कलम ने भारत के खिलाफ सीरीज बराबर रहने के बाद कहा कि इंग्लैंड के पास बैजबॉल स्टाइल में खेलने से ही जीतने का सबसे बड़ा मौका रहता है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि जब हम अपने खेलने के तरीके से हटते हैं तब असुरक्षित हो जाते हैं और विकेट लेने की हमारी क्षमता कम हो जाती है. मेरे हिसाब से अगर हम जिस बात में विश्वास करते हैं उस पर भरोसा करेंगे तो इससे हमारे सामने सबसे तगड़ा मौका रहेगा. मुझे लगता है कि लॉर्ड्स में हम यही करने में सफल रहे. बल्लेबाजी में जब भी हम खेले तब हमने साहस दिखाया. इस सीरीज में कई ऐसे मौके थे जहां पर हम एक टीम के रूप में विकसित हुए. आखिरी टेस्ट हारने के बाद यह कहना मुश्किल है लेकिन पूरी सीरीज में हम आगे बढ़ रहे थे और समझ आ रहा था कि अपने तरीके पर बने रहने पर ही हमें सबसे ज्यादा फायदा होता है. इससे किसी चीज की गारंटी नहीं मिलती लेकिन इससे हमारे सामने मौका आता है.'
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