भारत और इंग्लैंड के बीच लगातार दो टेस्ट में दो खिलाड़ी खेलते हुए चोटिल हो गई. दोनों ही चोट इस तरह की थी जिसमें खेल पाना मुश्किल था. मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत के साथ ऐसा हुआ. उनके पैर में फ्रेक्चर हुआ. वहीं ओवल टेस्ट में क्रिस वॉक्स का कंधा डिसलोकेट हो गया. क्रिकेट में लेकिन इंजरी रिप्लेसमेंट की सुविधा नहीं है. ऐसे में दोनों ही खिलाड़ियों को अहम मौकों पर अपनी-अपनी टीम के लिए बैटिंग को आना पड़ा. इन घटनाओं ने इंजरी रिप्लेसमेंट देने की मांग को ताजा कर दिया. लेकिन इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स इसके पक्ष में नहीं है.
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इंग्लैंड टीम को ओवल टेस्ट के आखिरी दिन चोटिल वॉक्स को जीत की तलाश में उतारना पड़ा था. मगर स्टोक्स नहीं चाहते कि चोटिल खिलाड़ी का विकल्प मिले. उन्होंने भारत के साथ टेस्ट सीरीज के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं ऐसा होते हुए नहीं देखता. इस बात का दुख है लेकिन अगर किसी को चोट लगती है तो यह बहुत बुरी बात है मगर इसे झेलना होगा. हम इसे इसी तरह से देखते हैं.'
स्टोक्स ने पंत के चोटिल होने पर क्या कहा था
इंग्लिश कप्तान ने कुछ इसी तरह की बात मैनचेस्टर टेस्ट में पंत के चोटिल पैर के साथ बैटिंग के लिए आने के बाद कही थी. तब उन्होंने कहा था. टीमें इस तरह के मामलों में बहुत सारे लूपहोल ढूंढ़ लेंगी. आप किसी मुकाबले के लिए प्लेइंग इलेवन चुनते हैं और चोट लगना खेल का हिस्सा है.
पंत और वॉक्स की चोट के बाद माइक वॉन समेत कई पूर्व क्रिकेटर्स ने कहा था कि इस तरह के मामलों में कन्कशन सब्सटीट्यूट जैसी सुविधा होनी चाहिए. स्टोक्स कंधे में चोट की वजह से भारत के खिलाफ आखिरी टेस्ट में नहीं खेले. उन्होंने अपनी चोट के बारे में कहा कि अगर चोटिल खिलाड़ी के विकल्प की सुविधा होती तो वे शायद सीरीज जीत की कोशिश में खेलने का जोखिम ले सकते थे.
स्टोक्स ने बताया इंजरी रिप्लेसमेंट होने पर क्या होगा
उन्होंने कहा, 'मैं इस मुकाबले में यह जानते हुए भी खेल सकता था कि मेरे कंधे में सूजन है. उम्मीद करता कि मैं पूरा मैच खेल जाऊंगा लेकिन अगर नहीं तो मुझे पता रहता कि कोई न कोई मेरी जगह आ जाएगा. आप एक प्लेइंग इलेवन चुनते हैं और ऐसा रणनीति के तहत करते हैं. इसलिए मुझे लगता है कि चोटिल खिलाड़ी का विकल्प आने पर इसका दुरुपयोग हो सकता है.'
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