England vs India Test Series: इंग्लैंड दौरे पर रवाना होने से पहले टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और हेड कोच गौतम गंभीर ने साफ कर दिया था कि उनकी योजना जसप्रीत बुमराह को सभी पांचों मैच ना खिलाने की है. गंभीर ने कहा था कि वर्कलोड मैनेज करने के लिए बुमराह सीरीज के तीन मैच खेलेंगे. शुभमन गिल की टीम इंडिया को लीड्स में खेले गए सीरीज के ओपनिंग मैच में हार का सामना करना पड़ा, जबकि भारत की तरफ से पांच शतक लगे थे और बुमराह ने पांच विकेट लिए थे.
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टीम इंडिया पांच मैचों की इस सीरीज में 0-1 से पीछे चल रही है. इसके बावजूद भारत ने बर्मिंघम के एजबेस्ट में बुधवार से शुरू हुए दूसरे टेस्ट में अपने स्टार तेज गेंदबाज को आराम देने का फैसला लिया, जिसकी काफी आलोचना हो रही है. भारत के इस फैसले की आलोचना करने वालों में इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड भी शामिल है, जिनका मानना है कि भारतीय टीम अपने अहम तेज गेंदबाज के वर्कलोड को लेकर चिंतित थी. पहले और दूसरे टेस्ट के बीच सात दिन का गैप था जो आराम करने और उबरने के लिए काफी समय होता है. लॉयड ने डेली मेल में अपने कॉलम में लिखा-
चलिए जसप्रीत बुमराह के बारे में बात करते हैं. अगर आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं, आपकी टीम पीछे चल रही है और आपको एक हफ्ते का ब्रेक मिला है तो आपको फिट, जोश से भरा और फिर से खेलने के लिए तैयार होना चाहिए.
उन्होंने कहा-
चीजें और भी जटिल हो गई. क्या जसप्रीत ने कहा है कि मैं यह टेस्ट नहीं खेलूंगा और लॉर्ड्स में खेलूंगा या भारतीय मेडिकल टीम ने कहा है कि वह खेलने के लिए तैयार नहीं है? यह रहस्य का माहौल है. मैं पुराने जमाने का हूं. अगर आप क्रिकेटर हैं, तो क्रिकेट खेलें.
एजबेस्टन टेस्ट में टीम इंडिया ने अपनी प्लेइंग इलेवन में तीन बदलाव किए. उन्होंने बुमराह को आराम देते हुए साई सुदर्शन और शार्दुल ठाकुर को बेंच पर बैठाया. उनकी जगह नितीश रेड्डी, वाशिंगटन सुंदर और आकाश दीप को शामिल किया गया है. लॉयड ने दावा किया कि इन बदलावों से ऐसा लगता है कि टीम बल्लेबाजी के ढहने से चिंतित है और इसलिए उसने पुछल्ले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ा दी है. उन्होंने लिखा-
भारत ने तीन बदलाव किए हैं और मैं जो सुन रहा हूं, वह यह है कि उनका खेमा लॉर्ड्स में जीत के लिए खुश होगा, सिर्फ एक- शून्य से पीछे. हेडिंग्ले में हार के बाद उन्होंने अपनी टीम को और मजबूत किया है और मेरी समझ यह है कि उन्होंने इस टीम को बल्लेबाजों से भर दिया है और वे ड्रॉ से खुश होंगे. अगर आप शुरुआत से पहले ही इस मानसिकता में आ जाते हैं, तो आप खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं.
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