IND vs ENG: 'गौतम गंभीर जरूरी नहीं है बल्कि...', भारतीय हेड कोच को इंग्लैंड सीरीज के बीच क्यों कहनी पड़ी ऐसी बात

गौतम गंभीर ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के दौरान उनके कोचिंग की आलोचना को लेकर चुप्पी तोड़ी. उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ बात करते हुए इस बारे में अपना पक्ष रखा.

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India's head coach Gautam Gambhir in frame

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गौतम गंभीर 2024 में टीम इंडिया के हेड कोच बने थे.

गंभीर के कोच रहते भारत अभी तक एक ही टेस्ट सीरीज जीत सका है.

भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने इस भूमिका में अपने माइंडसेट और आलोचना को लेकर बयान दिया है. उनका कहना है कि टीम को लेकर कही गई हरेक बात उनके लिए मतलब रखती है. गौतम गंभीर ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के बीच सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क से बात करते हुए यह बयान दिया. उन्होंने 2024 में हेड कोच का पद संभाला था. उनके कार्यकाल में टीम इंडिया का खेल वनडे-टी20 में शानदार रहा है लेकिन टेस्ट में उम्मीद से उलट नतीजे मिले हैं. इंग्लैंड के खिलाफ चल रही सीरीज इस लिहाज से उनके लिए काफी अहम है.

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गंभीर ने चेतेश्वर पुजारा के साथ बात करते हुए कहा कि उनके व टीम के लिए हर दिन सीखना, आगे बढ़ना और मुकाबला करना है. उन्होंने कहा, 'हर दिन लड़ते रहने की बात है. और हर दिन तिरंगे का प्रतिनिधित्व करना है. गौतम गंभीर जरूरी नहीं है. भारतीय क्रिकेट जरूरी है. सभी को ड्रेसिंग रूम के कल्चर के बारे में अपने विचार रखने का अधिकार है. और हरेक ओपिनियन मेरे लिए मतलब रखता है.'

गौतम गंभीर ने दूसरे टेस्ट में देरी से पारी घोषित करने पर दिया जवाब

 

भारत ने एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में 600 प्लस की बढ़त लेने के बाद दूसरी पारी घोषित की. इस बारे में कई सवाल उठे थे. कई लोगों का कहना था कि भारत की अप्रॉच रक्षात्मक थी और यह दांव उल्टा पड़ सकता था. गंभीर ने इससे जुड़े सवाल पर कहा कि टीम मैनेजमेंट ने बहुत सोच-समझकर और एक रणनीति के तहत यह फैसला किया था. अगर वह गलत होता तो लोग आलोचना करते लेकिन वह सीख देने वाली होनी चाहिए. टीम ने सही इरादे के साथ वह फैसला किया था. हो सकता है कि वह गलत होता लेकिन जरूरी है कि इरादे सही हो.

गंभीर ने कहा कि टीम मैनेजमेंट ने इंग्लैंड को एजबेस्टन टेस्ट में रन चेज़ की चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के खेलने का एक तरीका है. वह 100 ओवर में 350 आसपास के रन बनाते रहे हैं. ऐसे में 600 से ऊपर का लक्ष्य दिया और एक चुनौती रखी कि इसे चेज करो या फिर दिखाओ कि आपके पास डिफेंसिव खेल है. यह सब सोचकर किया गया था. सही बात है कि अगर जैसा चाह रहे थे वैसा नतीजा नहीं आता तो आलोचना होती.

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