भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले एक दिन के आराम के बाद फिर से अभ्यास शुरू किया. एजबेस्टन मैदान में सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस के लिए पहुंचे. इसमें सबसे पहले जोर फील्डिंग को लेकर रहा. शुरुआत में भारतीय खिलाड़ियों ने करीब एक घंटे के आसपास कैचिंग पर काम किया. इस दौरान कुछ खिलाड़ी स्लिप कैचिंग पर काम कर रहे थे तो कुछ ने बाउंड्री के पास कैच लेने का अभ्यास किया. कुछ को क्लोज इन फील्डर की भूमिका में कैच लेने को तैयार किया गया. भारत ने पहले टेस्ट में आठ-नौ के करीब कैच टपकाए थे और यह गलतियां भारी पड़ी थी. 371 रन का लक्ष्य देने के बाद भी टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी.
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भारतीय खिलाड़ियों की फील्डिंग प्रैक्टिस के दौरान खास बात रही कि यशस्वी जायसवाल स्लिप कॉर्डन का हिस्सा नहीं थे. करुण नायर, केएल राहुल और शुभमन गिल, साई सुदर्शन और नीतीश रेड्डी ने मिलकर भारत की स्लिप कॉर्डन बनाई. इन्हें फील्डिंग कोच टी दिलीप ने कैच लेने का अभ्यास कराया. टी दिलीप ने एक ब्लाइंड स्पॉट बनाकर भी स्लिप कैचिंग का अभ्यास कराया. इसके तहत एक काला कपड़ा लगाया गया और उसके पीछे नायर, राहुल और शुभमन खड़े हुए. फिर दिलीप ने दूसरी तरफ से गेंद फेंकी जिससे फील्डर्स अचानक से आने वाले कैच के लिए तैयार हो सके.
जायसवाल ने लेग स्लिप में की प्रैक्टिस
वहीं जायसवाल क्लोज इन फील्डर के रूप में लेग स्लिप के रूप में कैच लेने की प्रैक्टिस करते दिखे. उनके अलावा क्लोज इन कैच का अभ्यास ध्रुव जुरेल ने भी किया जो शॉर्ट लेग पर खड़े हुए. भारत ने पहले टेस्ट में शॉर्ट लेग और सिली पॉइंट जैसी क्लोज इन पॉजीशन पर भी मौके भुनाए नहीं थे.
गेंदबाजों ने आसमानी कैचों के लिए की तैयारी
वहीं असिस्टेंट कोच रयान टेन डसखाटे ने भारतीय गेंदबाजों को हाई कैचिंग (आसमानी कैच) का अभ्यास कराया. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी इस प्रैक्टिस में शामिल रहे. कुछ गेंदबाजों को बॉलिंग कोच मॉर्ने मॉर्केल ने कैचिंग का अभ्यास कराया.
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