India Vs England: कप्तान शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के शतकों के दम पर भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन तीन विकेट पर 359 रन का मजबूत स्कोर बनाया. हेडिंग्ले के मैदान दोनों ने रिकॉर्डतोड़ शतक लगाए और कमजोर इंग्लिश बॉलिंग का पूरा फायदा उठाया. पहली बार बतौर कप्तान टेस्ट खेल रहे शुभमन पहले दिन के खेल के बाद 127 रन बनाकर नाबाद रहे तो उनके साथ ऋषभ पंत 65 पर डटे हुए हैं. जायसवाल ने 101 रन की पारी खेली और केएल राहुल ने 42 रन बनाए. इंग्लैंड की ओर से कप्तान बेन स्टोक्स दो विकेट के साथ सबसे सफल बॉलर रहे.
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टॉस का सिक्का इंग्लैंड के पक्ष में गिरा और भारत को पहले बैटिंग का न्योता मिला. सपाट पिच और खिली धूप के मौसम में जायसवाल और राहुल ने संभली हुई शुरुआत की. दोनों ने शुरुआती कुछ ओवर्स में जोखिम से दूरी बरती. जायसवाल ने पहले हाथ खोले और बाउंड्री बटोरते हुए इंग्लिश बॉलर्स पर दबाव बनाया. इसके बाद राहुल ने भी गियर बदला और उन्होंने भी चौके बटोरे. इंग्लैंड के पेसर्स भारतीय ओपनिंग जोड़ी को ज्यादा परेशान नहीं कर पाए. जायसवाल ने 96 गेंद में अर्धशतक पूरा किया जो इंग्लैंड के खिलाफ छह टेस्ट में उनका छठा 50 प्लस स्कोर बनाया.
राहुल-सुदर्शन लंच से पहले निपटे
जायसवाल और राहुल दोनों दिन के पहले सेशन में बिना नुकसान के जाते दिख रहे थे. लेकिन ब्रायडन कार्स की ऑफ साइ़ड की बाहर जाती गेंद पर राहुल बल्ला लगा बैठे और विकेट के पीछे लपके गए. वे 78 गेंद में आठ चौकों से 42 रन बनाकर आउट हुए. पहली बार टेस्ट खेल रहे साई सुदर्शन केवल चार गेंद टिके और बिना खाता खोले आउट हो गए. उनका विकेट स्टोक्स ने लिया जिनकी लेग स्टंप के बाहर गिरी गेंद पर भारतीय बल्लेबाज बल्ला लगा बैठा और कीपर के हाथों लपका गया. इस तरह लंच से पहले का सेशन दो विकेट पर 92 रन के साथ खत्म हुआ.
जायसवाल ने ठोका पांचवां टेस्ट शतक
लंच के बाद जायसवाल और शुभमन साथ आए. दोनों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और तीसरे विकेट के लिए 129 रन की साझेदारी करते हुए भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया. जायसवाल ने करियर का पांचवां टेस्ट शतक लगाया. इस दौरान वे हाथ में क्रैंप्स से जूझते दिखे. उन्हें दो बार फिजियो की मदद लेनी पड़ी. लेकिन इंग्लैंड में अपने पहले टेस्ट में उन्होंने सैकड़ा लगाया. वे इसके कुछ देर बाद स्टोक्स की गेंद पर बोल्ड हो गए. उन्होंने 159 गेंद खेली और 16 चौके व एक छक्का लगाया.
शुभमन का कप्तान के रूप में शतक, पंत का पचासा
उनके जाने के बाद शुभमन और पंत साथ थे. इन दोनों ने भी जायसवाल के रनों के सिलसिले को थमने नहीं दिया. दोनों चौथे विकेट के लिए 138 रन की अटूट साझेदारी कर चुके हैं. पंत ने इस दौरान थोड़ी अलग हटकर बैटिंग की और अंधाधुंध रन बनाने के बजाय संयमित अंदाज अपनाया. शुभमन उनसे ज्यादा आक्रामक रहे. उन्होंने चौके के साथ 140 गेंद में छठा टेस्ट शतक लगाया. यह बतौर कप्तान, नंबर चार पर और भारत से बाहर उनका पहला टेस्ट शतक है. साथ ही कप्तान के रूप में पहले ही टेस्ट में सैकड़ा लगाने वाले पांचवें भारतीय बन गए. पंत ने दिन के आखिरी घंटे में रनों में तेजी दिखाई और फिफ्टी पूरी की.
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