भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड से हार से निराश है. उनका कहना है कि टीम इंडिया के पास जिस तरह की प्रतिभाएं हैं उसे देखते हुए जीत हासिल करनी चाहिए थी. सौरव गांगुली का मानना है कि टॉप ऑर्डर अगर बेहतर खेल दिखाता तो इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट की सीरीज में भारत 2-1 से आगे होता. टीम इंडिया 193 रन का पीछा करते हुए 170 रन पर सिमट गई. उसे 22 रन से हार मिली और वह सीरीज में 1-2 से पीछे हो गया.
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गांगुली ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के टॉप ऑर्डर को थोड़ा जोर लगाना चाहिए था. उन्होंने कहा, 'भारत ने जिस तरह से इस सीरीज में बैटिंग की उससे थोड़ी निराशा हुई. उन्हें 190 का लक्ष्य हासिल करना चाहिए था. जब आप (रवींद्र) जडेजा को लड़ते और रन बनाते, इस टीम की बैटिंग क्वालिटी को देखते हैं तो वे मुझसे ज्यादा निराश होंगे यह इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 2-1 से आगे होने का मौका था. मुझे लगता है कि ड्रेसिंग रूम में जिस तरह के बल्लेबाज थे उन्हें देखते हुए वे 190 तक नहीं पहुंचने पर निराश होंगे.'
'टॉप ऑर्डर लड़ता तो मैच मुट्ठी में होता'
लॉर्ड्स टेस्ट में लक्ष्य का पीछा करते हुए ओपनर यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले आउट हो गए तो कप्तान शुभमन गिल (6) और ऋषभ पंत (9) दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए. केएल राहुल ने लड़ाई लड़ी और 39 रन बनाए. मगर स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों में रवींद्र जडेजा (61 नाबाद) अकेले ही रह गए. गांगुली ने कहा, 'अगर टॉप ऑर्डर से थोड़ी भी लड़ाई होती तो मैच भारत की मुट्ठी में होता.'
गांगुली ने रवींद्र जडेजा को सराहा
बीसीसीआई के पूर्व प्रेसीडेंट ने तीसरे टेस्ट में जडेजा की जुझारू पारी को सराहा. उन्होंने कहा, 'जडेजा शानदार रहा, वह जब तक इस तरह की बैटिंग और प्रदर्शन कर रहा है तब तक उसे खेलते रहना चाहिए. वह लंबे समय से खेल रहा है. उसने 80 के करीब टेस्ट खेले हैं और 200 से ज्यादा वनडे खेल चुका है. आप उसे बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग करते हुए देखते हैं. वह खास खिलाड़ी है और उसकी बल्लेबाजी अनुभव के साथ वाकई में सुधरी है. वह स्पेशल खिलाड़ी है और टीम का अहम हिस्सा है.'
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