Ball Change Controversy : भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान गेंद बदलने के चक्कर से टीम इंडिया क काफी भारी नुकसान हुआ. लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन मैदान में आते ही जसप्रीत बुमराह ने अपनी पहली 14 गेंद में तीन विकेट चटका दिए थे. लेकिन इसके बाद कप्तान शुभमन गिल ने दूसरी गेंद बदली तो टीम इंडिया को बाकी के तीन विकेट लेने में करीब 100 रन और लुटाने पड़ गए. जिससे इंग्लैंड ने वापसी की तो गेंद (ड्यूक्स बॉल) बदलने वाले विवाद ने तूल पकड़ लिया और गिल को इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने सुना डाला.
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क्या है गेंद बलदने का विवाद ?
दरअसल, टीम इंडिया ने पहले दिन के अंत में ही दूसरी नई गेंद हासिल कर ली थी. इसके बाद दूसरी दिन बुमराह ने तीन विकेट झटके तो इंग्लैंड के सात विकेट गिर चुके थे. तभी नई ड्यूक्स बॉल की शेप सिर्फ 10.3 ओवर बाद ही खराब हो गई तो गिल ने गेंदबाजों के शिकायत करने पर इसे अंपायर से बदलने को कहा, इस पर मैदान में बाकी गेंदों का बॉक्स आया और अंपायर ने जिन गेंद का सेट गिल को दिया वो कफी अधिक पुरानी थी और कम से कम 20 या 30 ओवर उनसे खेले जा चुके थे. जिस पर गिल ने अंपायर से नाराजगी जाहिर की तो फिर मैदान में गहमा गहमी हो गई.
गेंद बदलने से हुआ नुकसान
गिल को नाराजगी के बावजूद दूसरी गेंद लेनी पड़ी लेकिन 48 गेंद बाद फिर से ये गेंद खराब हो गई तो टीम इंडिया को गेंद बदलनी पड़ी. ऐसे में भारत की दूसरे दिन जो सबसे पहली गेंद थी वो औसतन 1.869 डिग्री घूमी और 0.579 डिग्री सीम हुई. लेकिन रिप्लेसमेंट वाली गेंद औसतन 0.855 डिग्री घूमी और 0.594 डिग्री सीम हुई. इन आंकड़ों से ज़्यादा शायद गेंद की सॉफ्टनेस और उसका अधिक ओल्ड होना टीम इंडिया के पक्ष में नहीं गया. गिल के गेंद बदलने वाले इसी फैसले पर ही नासिर हुसैन भड़क उठे और उन्होंने बड़ा बयान दिया.
नासिर हुसैन ने क्या कहा ?
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा,
पहली बात तो ये काफी सीरीयस मुद्दा है कि ड्यूक्स गेंद की क्वालिटी काफी समय से खराब हो चुकी है. दूसरा मुद्दा ये है कि मुझे लगता है कि गेंद बहुत बार बदली जाती है. हम क्रिकेट गेंदों को लेकर थोड़े ज़्यादा संवेदनशील हो गए हैं. खेल के इतिहास में क्रिकेट गेंद जब पुरानी हो जाती है तो नरम भी हो जाती है. मेरे हिसाब से हम 80 ओवरों के लिए एकदम सही क्रिकेट गेंद रखने के लिए आदि हो रहे हैं.
नासिर हुसैन ने आगे कहा,
तीसरी बात ये है कि पहले घंटे में ही जब बुमराह को मदद मिल रही थी तो उसे खेलना संभव लग रहा था. तभी मैंने देखा कि वो लोग गेंद बदलने लगे. समझ नहीं आया, जिस चीज से मदद मिल रही है, उसे क्यों बदल रहे हैं. आपने जुआ क्यों खेला. मुझे लगा कि जब आपके पास कुछ है तो ऐसा करना वास्तव में विचित्र बात थी, जब आपके पास कुछ है तो उसी पर टिके रहो. उन्होंने ऐसा नहीं किया.
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