IND VS ENG: इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के दौरान ड्यूक्स बॉल को लेकर एक बार फिर सवाल उठे. भारत के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल उस समय हैरान रह गए, जब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स की गेंद को खेलते समय उनका बल्ला टूट गया. यह घटना भारत की पारी के नौवें ओवर में हुई. वोक्स ने एक छोटी गेंद फेंकी, जिसे जायसवाल ने बैकफुट पर डिफेंड करने की कोशिश की. लेकिन गेंद बल्ले से टकराई और बल्ले का ऊपरी हिस्सा टूट गया. बल्ले को इतना नुकसान हुआ कि वह साफ तौर पर मुड़ गया, जिसके बाद खेल को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा.
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जायसवाल को नया बल्ला लेना पड़ा और इसके बाद खेल फिर शुरू हुआ. इस घटना ने यह चर्चा छेड़ दी कि क्या ड्यूक्स गेंद के निर्माताओं ने इसमें कोई बदलाव किया है, खासकर तब जब खिलाड़ी लगातार इसकी क्वालिटी पर सवाल उठा रहे हैं.
ड्यूक्स गेंद पर पहले भी उठे सवाल
इस टेस्ट सीरीज में ड्यूक्स गेंद की क्वालिटी पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं. इस गर्मी में सूखे मौसम और सपाट पिचों के कारण गेंदबाजों को विकेट लेने में मुश्किल हो रही है. एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले दो टेस्ट में दोनों टीमें बार-बार गेंद बदलने की मांग कर चुकी हैं, क्योंकि गेंद जल्दी सॉफ्ट हो रही थी.
ड्यूक्स गेंद के निर्माता दिलीप जागजोदिया ने इस विवाद पर जवाब देते हुए कहा, "अगर मैं बहुत सख्त गेंद बनाऊंगा, तो बल्ले टूट जाएंगे. हमें सावधानी बरतनी पड़ती है. अगर खिलाड़ी आक्रामक शॉट खेलते हैं, तो यह और खतरनाक हो सकता है. नियम कहता है कि गेंद को 80 ओवर तक खराब होना चाहिए. अगर 20 ओवर बाद कोई कहे कि गेंद वैसा नहीं कर रही जैसा हम चाहते हैं, तो यह ठीक नहीं."
जागजोदिया ने बताया कि क्रिकेट गेंद बनाना एक लंबी प्रक्रिया है, जो तय स्टैंडर्ड के अनुसार की जाती है. उन्होंने कहा, "हम ब्रिटिश स्टैंडर्ड का सख्ती से पालन करते हैं. मैं खुद गेंदों का चयन करता हूं और सुनिश्चित करता हूं कि वे सबसे अच्छी हों. जब आप उनके साथ खेलते हैं, तो वह मेरे नियंत्रण में नहीं होता."
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