नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा वनडे मैच पार्ल के मैदान में खेला जा रहा है. इसी मैदान पर पहले वनडे मैच में बतौर बल्लेबाज विराट कोहली ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली थी. जिसके बाद सभी को एक बार फिर से उम्मीद थी कि कोहली अब कप्तानी के भार से उबरने के बाद शतक लगायेंगे, मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और शिखर धवन के आउट होने के बाद कोहली जैसे ही बल्लेबाजी करने आए वह 5 गेंद खेलकर शून्य पर चलते बने. इस तरह शून्य पर आउट होने के साथ कोहली के नाम जहां एक शर्मनाक रिकॉर्ड जुड़ा. वहीं सोशल मीडिया पर फैंस ने अब उन्हें टीम से बाहर करने की मांग भी रख दी है.
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महाराज का शिकार बने कोहली
दरअसल दूसरे वनडे मैच में भारतीय कप्तान केएल राहुल ने सूखी पिच देखते हुए टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. इस तरह धीमी पिच पर राहुल और शिखर धवन के बीच 63 रनों की साझेदारी हो चुकी थी. तभी धवन 29 रन बनाकर एडन मार्करम का शिकार बन गए. इसके बाद तीन नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली शुरू में ही रंग में नजर नहीं आ रहे थे. इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा और पारी के 3वें ओवर में केशव महाराज की चौथी गेंद पर कोहली ने कवर की दिशा में एक साधारण सा शॉट खेला और सीधा कैच साउथ अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावुमा को दे बैठे और 5 गेंदों में शून्य पर आउट हो गए.
2 साल 14 पारी बाद शून्य पर आउट हुए कोहली
इस तरह कोहली वनडे क्रिकेट में साल 2019 के बाद पहली बार शून्य पर आउट हुए और इस दौरान 14 पारी में उन्होंने बल्लेबाजी की. वहीं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नंबर एक से नंबर सात के बीच बल्लेबाजी करते हुए सबसे अधिक बार शून्य पर आउट होने के मामले में कोहली ने भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की बराबरी कर ली है. कोहली 31वीं बार शून्य पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आउट हुए और सहवाग भी इतनी बार शून्य पर आउट हो चुके हैं. वहीं इस लिस्ट में सबसे अधिक 34 बार सचिन तेंदुलकर शून्य पर आउट हो चुके हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए 1-7 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए क्रिकेट में सबसे अधिल बार शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाज:-
34 - सचिन
31 - कोहली*
31 - सहवाग
17 वनडे पारियों से नहीं आया शतक
इतना ही नहीं कोहली पिछले दो साल से अधिक समय से शतक नहीं लगा चुके हैं. जो कि उनके वनडे करियर में अब सबसे लंबा समय हो गया है जब वह शतक नहीं लगा सके हैं.
2019/22 में 17 पारियां*
2011 में 17 पारियां
2013 में 16 पारियां
2010 में 14 पारियां
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