भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज खत्म हो चुकी है और टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज पर कब्जा कर लिया है. दूसरे टेस्ट के आखिरी दिन बारिश के चलते मैच को अंत में ड्रॉ पर खत्म करना पड़ा. भारत ने पहले मैच पर एक पारी और 141 रन से कब्जा किया था. इस दौरे पर वेस्टइंडीज की टीम बेहद कमजोर नजर आई. लेकिन कुछ युवा टैलेंट ऐसे थे जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा. एलिक अथानाजे और कर्क मैकेंजी को रेड बॉल फॉर्मेट का स्टार बताया जा रहा है.
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अथानाजे और मैकेंजी ने ये दिखाया कि वेस्टइंडीज क्रिकेट में अभी भी टैलेंट है और विंडीज क्रिकेट को फिर से जिंदा किया जा सकता है. लेकिन इन सबके बीच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर दीप दासगुप्ता ने एक अजीब तरह का आइडिया दिया है. इस आइडिया में उन्होंने कहा कि, अगर बीसीसीआई चाहे तो वेस्टइंडीज क्रिकेट की मदद की जा सकती है और कुछ खिलाड़ियों को रणजी में खिलाया जा सकता है.
BCCI कर सकता है मदद
ईएसपीएनक्रिकइंफो के साथ बातचीत में दासगुप्ता ने कहा, वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड अगर चाहे और बीसीसीआई राजी हो तो कुछ कैरेबियाई खिलाड़ियों जैसे एलेक्स और मैकेंजी, या वे खिलाड़ी जो मुख्य रूप से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हैं उन्हें भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने की इजाजत दी जा सकती है. इससे वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा.
उन्होंने आगे कहा कि, जिस तरह की चुनौती उन्होंने इस टेस्ट मैच में भारतीय टीम को दी वह देखना काफी सुखद था. बेशक पहले टेस्ट मैच में वह बुरी तरह हार गए थे. लेकिन, अहम बात यह है कि उनमें क्षमता है, प्रतिभा है और जहां तक कि रेड बॉल क्रिकेट का सवाल है तो वेस्टइंडीज क्रिकेट में नई प्रतिभाएं भी सामने आ रही हैं. हमने एलेक और मैकेंजी को देखा. नए खिलाड़ी आ रहे हैं लेकिन मेरी नजर में वेस्टइंडीज की टेस्ट टीम चुनौती दे सकती है.’
4-5 खिलाड़ियों को किया जा सकता है रणजी में शामिल
दासगुप्ता ने कहा कि, अगर वेस्टइंडीज क्रिकेट कुछ खिलाड़ियों की पहचान कर सके और बीसीसीआई इन खिलाड़ियों को भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने की इजाजत दे तो इससे वेस्टइंडीज क्रिकेट की बहुत मदद हो जाएगी. भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट मुश्किल से कुछ महीने ही होता है. अक्टूबर-नवंबर में. अगर वेस्टइंडीज क्रिकेट अपने चार-पांच खिलाड़ियों को रिलीज कर दे जिनमें एलेक्स, मैकेंजी और कुछ ऐसे गेंदबाज जो मोटे तौर पर टेस्ट क्रिकेट के प्लेयर्स हैं. भारत में हमारे पास 38 फर्स्ट क्लास टीमें हैं और हम आसानी से चार, पांच, छह खिलाड़ियों को मौका दे सकते हैं.
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