दो मैच खेलकर टीम से बाहर रहना कठिन है लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला अक्षर पटेल हर उस मौके को भुनाना चाहते हैं जो उन्हें मिल रहा है. साल 2014 के बाद से वनडे क्रिकेट में 50 से अधिक विकेट लेने के बावजूद टीम में अक्षर की जगह पक्की नहीं है. रवींद्र जडेजा के चोटिल होने या बाहर बैठने पर ही उन्हें टीम इंडिया में जगह मिलती है. हालिया जिम्बाब्वे दौरे पर उन्होंने अच्छा खेल दिखाया.
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जिम्बाब्वे पर तीसरे वनडे में 13 रन से मिली जीत के बाद उन्होंने कहा, ‘आप दो मैच खेलते हैं और फिर अचानक बाहर बैठना थोड़ा कठिन होता है. इसके बाद फिर दो या तीन मैच खेलकर बाहर बैठना पड़ता है. यह कठिन है लेकिन मैं खुद को यह कहकर समझाता हूं कि मेरे लिये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का यह मौका है.’ वर्कलोड मैनेजमेंट की कवायद में भारतीय टीम प्रबंधन खिलाड़ियों को रोटेट करता रहता है. अक्षर ने कहा कि इन हालात में सकारात्मक मानसिकता के साथ खेलना और हर मैच को एक मौके की तरह लेना जरूरी है.
हर मैच को आखिरी के रूप में खेलते हैं अक्षर
उन्होंने कहा, ‘अगर मैं यहां अच्छा प्रदर्शन करूंगा तो अगला मैच खेलने का मौका मिलेगा. हर मैच को आखिरी की तरह लेता हूं. मैं टीम से बाहर होने पर हर समय शिकायत भी कर सकता हूं लेकिन मैं इसे सकारात्मक रूप में लेता हूं कि भारत के लिए खेलने का मौका तो मिल रहा है. अगर अच्छा प्रदर्शन करूंगा तो आगे भी खेलूंगा.’ शुभमन गिल के 97 गेंद में 130 रन के बारे में उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से वह बल्लेबाजी कर रहा है और एक दो रन निकाल रहा है. वह ज्यादा गेंदें खाली नहीं छोड़ रहा जो मेरे हिसाब से काफी अहम है.’
बॉलर्स ने रणनीति पर पूरा काम किया
अक्षर ने कहा कि भारतीय गेंदबाजों ने तीन मैचों की सीरीज में अपनी रणनीति को बखूबी अंजाम दिया. उन्होंने कहा,‘गेंदबाजों ने रणनीति पर पूरी तरह से अमल किया. आवेश खान के यॉर्कर और धीमी गेंदें देखकर अच्छा लगा. शार्दुल ठाकुर ने भी जिस तरह गेंदबाजी की, वह काफी शानदार थी. दीपक चाहर ने वापसी करते हुए तीन विकेट लिये जो काफी अच्छा लगा.’
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