हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली महिला टीम इंडिया (Women Team India) ने हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर इतिहास रच डाला. साल 1999 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब महिला टीम इंडिया ने इंग्लैंड की महिला टीम को उसके घर में वनडे सीरीज में धूल चटाई. हालांकि इसी बीच वनडे सीरीज के अंतिम मैच में दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की चार्ली डीन को मांकडिंग के जरिए रन आउट किया और भारत ने तीनों मैच जीतकर इंग्लैंड का सूपड़ा साफ़ कर डाला. इस घटना के बाद ही सोशल मीडिया पर भारत और इंग्लैंड के पूर्व तथा वर्तमान खिलाड़ियों के बीच बहस छिड़ गई. जिसमें खेल भावना जैसे शब्द को लेकर मामला तूल पकड़ता गया. इस पर अब भारत के मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने लगातार 8 ट्वीट से दीप्ति का समर्थन करते हुए इंग्लैंड के खिलाड़ियों को खरी खोटी सुनाई है.
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पहला ट्वीट
दीप्ति शर्मा का समर्थन करते हुए हर्षा भोगले ने पहले ट्वीट में लिखा, ''मैं ये देखकर हैरान हूं कि इंग्लैंड में मौजूद मीडिया का एक बहुत बड़ा वर्ग एक ऐसी लड़की से सवाल पूछ रहा है जो खेल के नियमों से खेलती है और दूसरी तरह एक गैरकानूनी तरीके से खेल रही थी और लगातार गलत कर रही थी. मुझे लगता है, इसमें उचित लोग शामिल हैं."
दूसरा ट्वीट
हर्षा ने आगे दूसरे ट्वीट में कहा, ''यह एक सांस्कृतिक (कल्चरल) चीज है. अंग्रेजों ने सोचा कि ऐसा करना गलत है और क्योंकि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया के एक बड़े हिस्से पर राज किया, उन्होंने सभी को बताया कि यह गलत था. औपनिवेशिक शासन इतना शक्तिशाली था कि सिर्फ कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाया. नतीजतन, मानसिकता अभी भी है कि इंग्लैंड जो गलत मानता है उसे बाकी क्रिकेट जगत द्वारा गलत माना जाना चाहिए."
तीसरा ट्वीट
तीसरे ट्वीट में हर्षा ने लिखा, ''बहुत कुछ उसी तरह जैसे ऑस्ट्रेलियाई 'लाइन' के बारे में कहते हैं. जो लाइन पहले से तय हो चुकी है उसे आपको क्रास नहीं करनी चाहिए. उनकी संस्कृति में ये ठीक है, लेकिन दूसरों के लिए नहीं हो सकती है. बाकी दुनिया अब बाध्य नहीं है.''
चौथा ट्वीट
चौथे ट्वीट में हर्षा ने लिखा, ''इंग्लैंड की तरह सोचना और देखना स्पष्ट रूप से गलत है. इसी तरह यह धारणा भी है कि टर्निंग ट्रैक गलत होती है लेकिन सीमिंग ट्रैक ठीक है. मेरे कहने का कारण यह है कि यह सांस्कृतिक है, कारण है यह कि उनकी ऐसी सोच बनाई गई है. उन्हें नहीं लगता कि यह गलत है. इसलिए समस्या पैदा होती है.''
पांचवा ट्वीट
पांचवें ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''हम भी इसके दोषी हैं. जब लोग एक-दूसरे के दृष्टिकोण के बारे में निर्णय लेते हैं. इंग्लैंड चाहता है कि बाकी दुनिया नॉन-स्ट्राइकर के छोर पर बल्लेबाजों को रन आउट करना पसंद न करे और दीप्ति और अन्य लोगों के प्रति सख्त और अपमानजनक रहे हैं, जिन्होंने ऐसा किया है. हम भी मुश्किल से आते हैं.''
6वां ट्वीट
छठे ट्वीट में लिखा, ''दूसरों को सदियों पुरानी औपनिवेशिक नींद से भी जागना होगा. सबसे आसान काम है खेल को नियमों से खेलना और खेल की भावना की व्यक्तिपरक व्याख्या के बारे में चिंता करना बंद करना, दूसरों पर राय थोपना बंद करना. नियम कहता है कि नॉन-स्ट्राइकर क्रीज के पीछे होना चाहिए.''
7वां ट्वीट
सांतवें ट्वीट में हर्षा ने लिखा, ''जब तक गेंदबाज का हाथ अपने हाईएस्ट प्वाइंट पर हो. यदि आप इसका पालन करते हैं, तो खेल सुचारू रूप से आगे बढ़ेगा. यदि आप दूसरों पर उंगली उठाते हैं, जैसा कि इंग्लैंड में कई लोगों ने दीप्ति के साथ किया है, तो आप अपने द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के खिलाफ सवाल पूछा जाने के लिए तैयार रहें. यह सबसे अच्छा है अगर सत्ता में हैं, या जो सत्ता में थे.''
8वां और अंतिम ट्वीट
आठवें ट्वीट में लिखा, “यह विश्वास करना बंद कर दें कि दुनिया सिर्फ इंग्लैंड के ही हिसाब से चलती है. जैसे समाज में जहां जज देश के कानून को लागू करते हैं, वैसे ही क्रिकेट में भी नियम हैं. लेकिन मैं दीप्ति के साथ हुए व्यवहार से परेशान हूं. उसने खेल को नियमों से खेला और उसने जो किया उसकी आलोचना बंद होनी चाहिए.”
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