IPL Backstage: आईपीएल के इतिहास में कई रिकॉर्ड के साथ विवाद भी दर्ज हैं. मैदान पर तो प्लेयर्स के बीच ऐसे कई किस्से दर्ज है, मगर मैदान से बाहर एक खिलाड़ी को लेकर ऐसा विवाद हुआ, जिससे भारतीय क्रिकेट हिल गया था. ये विवाद ऑक्शन की टेबल पर हुआ. बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन इंग्लैंड के धाकड़ ऑलराउंडर क्रिकेटर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को लेकर सबके निशाने पर आ गए थे. उन पर फ्लिंटॉफ को चेन्नई सुपर किंग्स में शामिल करने के लिए धांधली करने का आरोप लगा था.
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ऐसी रिपोर्ट थी कि आईपीएल के सस्पेंड कमिश्नर ललित मोदी ने फ्लिंटॉफ को सीएसके में लाने के लिए श्रीनिवासन की मदद की थी. मामला 2009 यानी आईपीएल के दूसरे सीजन का है. हालांकि श्रीनिवासन ने इस आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. उनका कहना था कि फ्लिंटॉफ (Andrew Flintoff) को खरीदने के लिए कोई डील नहीं की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले पर एक ईमेल लीक हुआ था, जिसके अनुसार ललित मोदी ने उनकी फ्लिंटॉफ को सीएसके में लाने में मदद की थी.
बाकी फ्रेंचाइजी को पीछे हटने के लिए कहा
रिपोर्ट के अनुसार ललित मोदी ने राजस्थान रॉयल्स को फ्लिंटॉफ को न खरीदने के लिए मनाया, ताकि सीएसके उन्हें खरीद सके. ईमेल के अनुसार श्रीनिवासन ने ललित मोदी को कहा था कि वो एंड्रयू फ्लिंटॉफ को खरीदने की प्लानिंग करने वाली फ्रेंचाइजियों को पीछे हटने के लिए मनाएं. हालांकि इस आरोप पर श्रीनिवासन ने सफाई देते हुए कहा था कि वो चेन्नई सुपर किंग्स ही एकमात्र टीम थी, जिसके पास 2 मिलियन डॉलर का पर्स था. बाकी सबके पास इससे कम पैसे थे.
चेन्नई ने खोल दी थी तिजोरी
राजस्थान ने इंग्लिश क्रिकेटर के लिए 1.5 मिलियन डॉलर की बोली लगाई थी, जबकि उन्होंने 1.55 मिलियन डॉलर की बोली लगाकर फ्लिंटॉफ को चेन्नई में शामिल किया. हालांकि बाद में ललित मोदी ने भी धांधली का दावा किया था. 2009 में सीएसके ने एंड्रयू फ्लिंटॉफ को खरीदा था. वो उस समय के सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे, मगर वो सफल नहीं हो पाए थे. वो सिर्फ तीन मैच ही खेल पाए. तीन मैचों में उनके नाम 62 रन और दो विकेट हैं.
कोर्ट में बोर्ड के नियम को चुनौती
चेन्नई सुपर किंग्स का मालिकाना हक इंडिया सीमेंट के पास है, जिसके एमडी श्रीनिवासन हैं और वो उस वक्त बीसीसीआई में भी थे. उन पर ऑक्शन में धांधली को लेकर लगे आरोप के बाद तो भारतीय क्रिकेट में बवाल मच गया था. इससे कुछ समय पहले ही बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एसी मुथैया ने बोर्ड के उस नियम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जों बीसीसीआई और आईपीएल प्रशासकों को लीग का हिस्सा बनने या फिर लीग की टीम के मालिकाना हक की अनुमति देता था.
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