इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) एक ऐसा टी20 लीग है जो एक युवा खिलाड़ी को कुछ समय के भीतर ही स्टार बना देता है. लेकिन ये लीग उन युवा खिलाड़ियों के लिए बुरा सपना भी है जिन्हें कुछ मैचों के बाद ही इस लीग से बाहर कर दिया जाता है. हम आपको आज एक ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जिसने क्रेस गेल के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर किया, पंजाब किंग्स की टीम में शामिल हुआ लेकिन अब 2000 रुपए के लिए लोकल क्रिकेट खेलने को मजबूर है. आईपीएल फ्रेंचाइजी पंजाब किंग्स ने साल 2018 में अपनी टीम में जम्मू कश्मीर के खिलाड़ी मंजूर डार (Manzoor Dar) को शामिल किया था.
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ये ऑलराउंडर उस वक्त जम्मू- कश्मीर की तरफ से आईपीएल खेलने वाला दूसरा क्रिकेटर था जिसे कॉन्ट्रैक्ट मिला था. डार को 20 लाख रुपए में खरीदा गया था. क्रिकेट से पहले डार वॉचमैन और लकड़ी काटने का काम किया करते थे. लेकिन आईपीएल में आते ही उनका सपना साकार हो गया. डार ने इस दौरान पंजाब किंग्स के खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम के भीतर काफी समय बिताया लेकिन इस ऑलराउंडर को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. इसके बाद अगले ही सीजन में डार को फ्रेंचाइजी ने रिलीज कर दिया.
4 साल बाद किस्मत ने दिया धोखा
2018 में डार की किस्मत बदली लेकिन 4 साल बाद अब इस खिलाड़ी से किस्मत ने मुंह मोड़ लिया है. फोर्ब्स के साथ खास बातचीत में डार ने कहा कि, मैं जहां भी खेलने के लिए जाता था. हजारों की तादाद में क्रिकेट फैंस मुझे फॉलो करते थे और मुझे देखने के लिए आते थे. लेकिन अब मुझे कोई नहीं पूछता. बता दें कि डार नॉर्थ कश्मीर के बांदीपुरा में लोकल टूर्नामेंट खेलकर अपना पेट पाल रहे हैं.
डार का कहना है कि, वो ये लोकल मैच कभी नहीं खेलते लेकिन उनका परिवार बड़ा है और सभी का पेट पालने के लिए उन्हें ये करना पड़ रहा है. डार के पिता मजदूरी करते हैं और उनकी मां घर के काम करती हैं. डार के 7 भाई बहन हैं. इसमें 4 बहनें और तीन भाई हैं. सभी बेरोजगार हैं. ऐसे में डार ही सबसे बड़े हैं और उन्हें ही सभी का ध्यान रखना होता है.
2000 रुपए के लिए खेलता हूं लोकल मैच
डार ने कहा कि, मेरी बहनों की उम्र शादी ये लायक हो चुकी है. मेरी मां की तबियत ठीक नहीं रहती. ऐसे में मैं लोकल टीम से पैसे नहीं लेता और अपनी जेब से ही खेलता हूं. लेकिन अब मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं बचा है. वो मुझे कभी कबार 2000 रुपए दे देते हैं. और इसी से मेरा गुजारा चल रहा है. फिलहाल कश्मीर में बर्फबारी हो रही है और इस समय सभी लोकल क्रिकेट बंद हैं. ऐसे में डार को ये समझ नहीं आ रहा कि वो कैसे अपना घर चलाएंगे.
20 लाख रुपए से बनाया घर
डार ने कहा कि, आईपीएल से जब 20 लाख रुपए मिल थे उससे मैंने अपना घर बनाया. मैं पहले जमीन खरीदी और फिर घर बनाया. लेकिन घर पूरा नहीं हो पाया. डार ने कहा कि, आईपीएल के बाद मेरी जिंदगी और मुश्किल हो गई है. पहले मेरे दोस्त और कपंनियां मेरी मदद करती थी. लेकिन अब सब छोड़ गए क्योंकि उन्हें लगा कि मैं अब सेट हो चुका हूं. लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. मेरे पास पहले के मुकाबले और ज्यादा दिक्कतें हैं. आईपीएल 2018 के दौरान मैं 20 से 25 हजार महीने का कमाता था लेकिन अब मुझे लोकल क्रिकेट खेलकर अपना गुजारा करना पड़ रहा है. बता दें कि डार को उनके भारी शरीर के चलते पांडव के नाम से जाना जाता है.
सरकार ने नहीं की मदद
डार ने जम्मू और कश्मीर सरकार से भी मदद मांगी लेकिन अब तक किसी ने भी इस खिलाड़ी की मदद नहीं की है. डार ने कहा कि, उन्हें समझ नहीं आता कि वो अपने फॉलोवर्स से क्या कहें. वहीं कौन मुझे देखकर अपने बच्चों को क्रिकेट खेलने के लिए कहेगा. क्योंकि मेरी हालत यहां सभी देख रहे हैं. साल 2019 में मुझे महबूबा मुफ्ती और राजनाथ सिंह ने एक सेमिनार में नौकरी का वादा किया था लेकिन उसके बाद सरकार गिर गई और मेरा सपना भी वहीं टूट गया. मुझे लगता है कि जो खिलाड़ी जम्मू या उससे आगे के लिए क्रिकेट खेलता है तो उसके लिए सरकार के भीतर स्पोर्ट्स कोटा के तहत नौकरी का प्रावधान होना चाहिए. डार ने कहा कि, जम्मू की राज्य टीम के कप्तान और क्रिकेटर्स ने उनकी काफी मदद भी है.
बता दें कि डार ने जम्मू के लिए 10 लिस्ट ए, 23 टी20 मुकाबले खेले हैं. राज्य की टीम में भी वो अपनी जगह गंवा चुके हैं. डार ने कहा कि, उनके पास अब क्रिकेट के अलावा कुछ नहीं है लेकिन उन्हें इस बात का भी मलाल है कि उन्होंने क्रिकेट के अलावा कुछ और नहीं किया.
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