भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मचे भगदड़ पर पहला रिएक्शन दिया है. 18 साल बाद खिताब जीतने वाली फ्रेंचाइज ने अगले ही दिन एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर विक्ट्री परेड का आयोजन किया. ऐसे में बेकाबू भीड़ के चलते इस इवेंट में 11 लोगों की मौत हो गई. इसपर अब बोर्ड के सचिव देवजीत सैकिया ने अपना पहला रिएक्शन दिया है.
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'हमें RCB इवेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी', IPL के चेयरमैन का बड़ा बयान, बोले- यह बहुत दुखद है
बेंगलुरु इवेंट पर क्या बोला BCCI?
देवजीत सैकिया ने बीसीसीआई की ओर से कहा कि, उन्हें इवेंट के आयोजन को लेकर कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन बोर्ड अब इस मामले पर पूरा नजर बनाए रखेगा कि आगे इस तरह का कोई आयोजन न हो. वहीं भविष्य में ऐसे इवेंट के लिए अलग से गाइडलाइन्स पहले ही जारी कर दी जाएगी. बता दें कि साल 2024 टी20 वर्ल्ड कप के बाद भी मुंबई में विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया था जो बेहद शांत तरीके से हुआ था.
सैकिया ने स्पोर्ट्स तक से कहा कि, मुझे लगता है कि इवेंट के दौरान कुछ गड़बड़ी हुई. बीसीसीआई का इसमें कोई रोल नहीं है. लेकिन हमारे लिए ये सीख है. हम इसको लेकर नए नियम बनाएंगे और ये देखेंगे कि आगे कभी ऐसा हादसा दोबारा न हो.
जान की कीमत पर नहीं मनाया जा सकता जश्न- धूमल
अरुण धूमल ने कहा कि, हमने मैनेजमेंट से बात की थी. उन्होंने कहा था कि वो जल्द से जल्द इस सेरेमनी को खत्म कर देंगे. लेकिन ये बेहद दुखद है. आरसीबी के ऑफिशियल्स ने मुझे साफ कहा था कि वो इसे जल्द खत्म कर देंगे. ऑफिशियल्स को पता ही नहीं था कि बाहर क्या हुआ. मेरी संवेदना सभी के साथ है. हमें तो ये भी नहीं पता था कि किसने इवेंट का आयोजन किया था. इतनी तादाद में कैसे लोग स्टेडियम के भीतर आ सकते हैं. लेकिन जान की कीमत पर कोई जश्न नहीं मनाया जा सकता है.
धूमल ने आगे कहा कि, एक फ्रेंचाइज पर ये निर्भर करता है वो किस तरह इवेंट का आयोजन करते हैं. राज्य सरकार के सभी ऑफिशियल्स वहां मौजूद थे.
बता दें कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है. लगातार पुलिस प्रशासन इसपर नजर बनाए हुए है.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भीड़ "बेकाबू" थी, लेकिन उन्होंने भगदड़ में हताहतों या घायलों की संख्या की पुष्टि करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि यह एक नियंत्रित भीड़ नहीं है. मैं बेंगलुरु और कर्नाटक के सभी लोगों से माफी मांगता हूं, हम जुलूस निकालना चाहते थे, लेकिन भीड़ बेकाबू है. हमने 5,000 की भीड़ के लिए (सुरक्षा उपायों) की व्यवस्था की थी. लेकिन हम एक युवा उत्साही भीड़ पर लाठियां नहीं चला सकते."
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