रवींद्र जडेजा ने आईपीएल के बीच सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की कप्तानी छोड़ने के मामले पर आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है. साल 2022 में एमएस धोनी ने जडेजा को टीम की कमान सौंपी थी. हालांकि उनकी कप्तानी में टीम का आगाज खराब रहा और चेन्नई ने अपने शुरुआती चारों मैच गंवा दिए. जडेजा ने आठ मैच बाद ही टीम की कप्तानी छोड़ दी थी और धोनी ने एक बार फिर टीम कमान संभाली. हालांकि इन सबके बीच ऐसी भी खबरें आने लगी थी कि जडेजा के फ्रेंचाइज से संबंध खराब हो गए हैं.
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धोनी ने 2023 सीज़न के लिए कप्तानी बरकरार रखी, लेकिन बड़ी अटकलें थीं कि जडेजा को रिलीज़ कर दिया जाएगा या उन्हें बाहर कर दिया जाएगा. हालांकि उन्हें बरकरार रखा गया और 2023 में जडेजा के दम पर ही चेन्नई 5वीं बार चैंपियन बनी थी. जडेजा के इस मामले पर पर्दे के पीछे की कहानी का तो खुलासा नहीं किया, मगर उन्होंने स्वीकार किया कि जब टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हो तो कप्तान ज्यादा कुछ नहीं कर सकता. आर अश्विन के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए जडेजा ने कहा-
यह मुश्किल था. टी20 क्रिकेट में हर गेंद एक इवेंट होती है. यह एक तेज खेल है, लेकिन मेरे लिए यह एक अनुभव था. मैं बेहतर कर सकता था. बतौर कप्तान अगर आपकी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है तो सारा दोष कप्तानी पर आता है. सोचो गेंदबाजी में बदलाव, फील्डिंग के मौके. बदकिस्मती से टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी. अगर हम जीत रहे थे और हर कोई योगदान दे रहा था तो यह कोई रॉकेट साइंस नहीं था. कभी-कभी नॉर्मल चीजें काम करती हैं, लेकिन जब आपके खिलाड़ी ही बल्लेबाज और गेंदबाज योगदान नहीं देते हैं तो आप टी 20 फॉर्मेट में नहीं जीत सकते.
मुझे लगा कि मैं बेहतर कर सकता था, क्या मैं अलग तरीके से कर सकता था. कुछ दिन मैंने सोचा, लेकिन फिर मुझे अहसास हुआ कि जब बल्लेबाज और गेंदबाज योगदान नहीं देते हैं तो सब कुछ नेगेटिव लगता है. अगर आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो सब कुछ अच्छा लगता है. यह बदलाव कारगर रहा. टी20 फॉर्मेट में बैटिंग ऑर्डर में फेरबदल की जरूरत है.
अलग है टेस्ट कप्तानी
अश्विन ने जडेजा से भारतीय टीम की टेस्ट कप्तानी को लेकर भी बात की. बीते दिनों रोहित शर्मा के संन्यास के बाद शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया. हालांकि रोहित के संन्यास के बाद जडेजा को लाल गेंद की कप्तानी सौंपने की मांग की जा रही थी. जडेजा ने कहा-
हां, हां. मैं सभी कप्तानों का माइंडसेट जानता हूं. हर कप्तान की मानसिकता अलग होती है. मैंने सभी फॉर्मेट में माही भाई (एमएस धोनी) की कप्तानी में खेला है. उनकी मानसिकता बहुत आसान है. वह वहां फील्डर रखते हैं, जहां कोई फील्डर नहीं होता. मैं यह समझ गया हूं. टेस्ट फॉर्मेट ऐसा है कि आपको गेंदबाज के अनुसार दो फील्डर बदलने होते हैं, बल्लेबाज के अनुसार नहीं. मुझे लगता है कि टेस्ट कप्तानी अलग है. यह सरल है. आपको यह सोचना होगा कि गेंदबाज कब लय में है. यह थोड़ा कैलकुलेटिव है, लेकिन यह टी20 या आईपीएल जैसा नहीं है.
टी20 में हर गेंद एक इवेंट है. टेस्ट फॉर्मेट इतना बिजी नहीं है. जैसा कि आपने कहा कि मेरे पास अनुभव है. मैंने कई कप्तानों के नेतृत्व में खेला है. टेस्ट में आपको बल्लेबाजी क्र में फेरबदल या बाएं-दाएं कॉम्बिनेशन देखने की जरूरत नहीं होती है.
रैपिड-फायर में अश्विन ने जडेजा से पूछा कि वह संन्यास लेने से पहले कौनसी एक चीज हासिल करना चाहते हैं और उन्होंने दावा किया कि यह टेस्ट कप्तानी है. जडेजा ने कहा-
बाकी सब मैंने हासिल किया है. टेस्ट कप्तानी.भारत का कप्तान. यह बहुत बड़ी बात है.
जडेजा इस समय भारत के सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए शुभमन गिल को टीम इंडिया का कप्तान और ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाया गया है.
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