Exclusive: गौतम गंभीर के कोचिंग कार्यकाल पर सुनील गावस्कर ने उठाए सवाल, बोले- आंकड़े देख लो...

भारत की घर पर कीवी टीम के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज हार रही. साथ ही पहली बार उसने घरेलू धरती पर तीन मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप झेला है. इस नतीजे ने घर में उसके 12 साल से अजेय रहने के सिलसिले को भी खत्म किया.

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भारतीय हेड कोच गौतम गंभीर

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गौतम गंभीर ने जुलाई 2024 में कोच की जिम्मेदारी संभाली थी.

गौतम गंभीर के चार महीने के कार्यकाल में भारत को दो बड़ी नाकामियां मिल चुकी है.

भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड के हाथों घर पर टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद निशाने पर है. रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम की चौतरफा आलोचना हो रही है. यह भारत की घर पर कीवी टीम के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज हार रही. साथ ही पहली बार उसने घरेलू धरती पर तीन मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप झेला है. इस नतीजे ने न केवल घर में उसके 12 साल से अजेय रहने के सिलसिले को खत्म किया बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जाने की उम्मीदों को भी तगड़ी चोट पहुंचाई. इस सीरीज को गंवाने के बाद कप्तान रोहित शर्मा के साथ ही मुख्य कोच गौतम गंभीर भी निशाने पर हैं. उन्होंने जुलाई 2024 में कोच की जिम्मेदारी संभाली थी और तब से भारत को श्रीलंका से वनडे और अब न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी है. 

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी गंभीर के कोचिंग कार्यकाल पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि आंकड़े खुद पूरी कहानी पेश कर रहे हैं. गावस्कर ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'आंकड़े देख लो वे खुद पूरी कहानी बता रहे हैं. लंबे समय बाद भारत को श्रीलंका से वनडे सीरीज में हार मिली है. अब यहां पर हार मिली, बहुत बुरी हार. इसलिए मुझे लगता है कि आंकड़े खुद ही बोल रहे हैं.'

गावस्कर ने हार के लिए थिंक टैंक को ठहराया जिम्मेदार

 

गावस्कर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाने पर भारतीय टीम मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इस हार के पीछे रणनीतिक गलतियां रही जिसकी जिम्मेदारी सामूहिक है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हरेक टीम में थिंक टैंक होता है. शायद कप्तान, उपकप्तान और कोच.. ये लोग फैसले लेते हैं. कभीकभार कप्तान आखिरी समय पर कुछ फैसले करता है. हो सकता है कि वह किसी को बैटिंग में ऊपर भेजना चाहता है.अगर यह काम करता है तो महान फैसला कहलाता है. अगर नहीं करता है तो बुरा दिखता है. मुझे लगता है कि ये फैसले थिंक टैंक ने लिए होंगे.'

 

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