भारत की करारी हार के बाद सुनील गावस्कर ने रोहित-कोहली का किया बचाव, बोले- उन दोनों पर ही क्यों अंगुली उठा रहे हो

भारत की न्यूजीलैंड के हाथों के हार के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली को आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं. दोनों ही इस सीरीज में अच्छा खेल दिखाने में नाकाम रहे. पुणे और मुंबई टेस्ट में दोनों ही न्यूजीलैंड की बॉलिंग के आगे मजबूर से दिखे.

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रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों के ही रन नहीं आ रहे.

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रोहित शर्मा और विराट कोहली न्यूजीलैंड सीरीज में केवल एक-एक अर्धशतक लगा सके.

रोहित शर्मा और विराट कोहली दलीप ट्रॉफी में नहीं खेले थे.

भारत की न्यूजीलैंड के हाथों के हार के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली को आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं. दोनों ही इस सीरीज में अच्छा खेल दिखाने में नाकाम रहे. पुणे और मुंबई टेस्ट में दोनों ही न्यूजीलैंड की बॉलिंग के आगे मजबूर से दिखे. ऐसे में दोनों के टेस्ट करियर को ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद खत्म कहा जा रहा है. लेकिन दिग्गज क्रिकेटर रहे सुनील गावस्कर का मानना है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से टेस्ट सीरीज हारने पर केवल इन दोनों पर ही निशाना क्यों साधना चाहिए. टीम इंडिया के बाकी बल्लेबाजों ने भी निराश किया है. कोहली और रोहित दोनों इस सीरीज के तीन टेस्ट में कवल एक-एक अर्धशतक लगा सके. दोनों छह पारियों में कुल 100 रन भी नहीं जोड़ सके.

भारतीय सेलेक्टर्स ने घर पर टेस्ट सीरीज से पहले रोहित-कोहली समेत सभी सीनियर्स को दलीप ट्रॉफी में खिलाने की योजना बनाई थी. लेकिन बाद में इन सबने अलग-अलग वजहों से नाम वापस ले लिया. न्यूजीलैंड सीरीज में नाकामी के बाद सीनियर्स को घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने पर घेरा गया. गावस्कर ने इस बारे में कहा, 'आप उन दो खिलाड़ियों पर ही क्यों अंगुली उठा रहे हो. जो दलीप ट्रॉफी में खेले उन्होंने भी क्या किया. जो दलीप ट्रॉफी में खेले क्या उन्होंने शतक लगाए. तो इन दोनों पर अंगुली उठाने से क्या होगा. इन दोनों ने टीम की कितनी सेवा की है. हां, जब आपकी उम्र 35 के करीब होती है तब जितना आप खेलेंगे, जितना खेलने की निरंतरता रहेगी वह आपके लिए अच्छी होगी. लेकिन उन्होंने दलीप ट्रॉफी नहीं खेली उसी की वजह से वह यहां पर फेल हो गए यह सही नहीं. जो दलीप ट्रॉफी खेले वह भी फेल हो गए.'

गावस्कर बोले- किसी भी खिलाड़ी का बुरा समय आ सकता है

 

कोहली और रोहित इससे पहले बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी नाकाम रहे. उस सीरीज में इन दोनों के नाम एक भी फिफ्टी तक नहीं थी. गावस्कर ने आगे कहा, 'किसी खिलाड़ी का बुरा समय आ सकता है. अगर आपका 15-20 साल का करियर हो तब आपके दो-तीन बुरे दौर आ सकते हैं. मैं बस यही आशा करता हूं कि इन दोनों का बुरा समय अब खत्म हो गया. ऑस्ट्रेलिया की पिचेज बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छी होती है. शुरू में गेंद नई रहने और बाउंस होने पर संभालकर खेलना होगा. इसके बाद वहां रन बना सकते हैं. इसलिए मैं आशा करता हूं कि रोहित-कोहली और बाकी खिलाड़ी वहां जाकर रन कर पाएंगे.'

 

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