ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान साइमन कैटिच ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में मेहमान टीम के कप्तान डीन एल्गर की रणनीति और फैसलों को ‘बदतर’ करार दिया. उन्होंने कहा कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर दूसरे दिन उन्होंने जो फील्डिंग सजाई वह तर्कसंगत नहीं थी. दिन की शुरुआत तीन विकेट पर 386 रन से करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी आठ विकेट पर 575 रन बनाकर घोषित की. दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में सिर्फ 189 रन बनाए थे और बुधवार को ऑस्ट्रेलिया ने 386 रन की बढ़त बनाने के बाद पारी घोषित कर दी.
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ऑस्ट्रेलिया के लिए 56 टेस्ट में 4000 से अधिक रन बनाने वाले कैटिच ने कहा कि अगर तेज गेंदबाज एनरिक नॉर्किया को अन्य गेंदबाजों से अधिक समर्थन मिलता तो चीजें अलग हो सकती थी. ‘एसईएन रेडियो’ ने कैटिच के हवाले से कहा, ‘मुझे लगता है कि कल (मंगलवार को) एल्गर की रणनीति और फैसले बदतर थे. उसने जो फील्डिंग लगाई उसके साथ गेंदबाज कोई दबाव नहीं बना पाए. साथ ही वे नई गेंद से सही लेंथ के साथ गेंदबाजी नहीं कर पाए क्योंकि शॉर्ट लेग लगाया गया था और लेग साइड पर रन रोकने के लिए किसी को खड़ा नहीं किया गया था.’
एल्गर ने नहीं लगाई अग्रेसिव फील्डिंग
कैटिच ने संकेत दिए कि एल्गर ने एमसीजी की पिच पर आक्रामक क्षेत्ररक्षण नहीं लगाया जबकि पारंपरिक रूप से इस मैदान पर ऐसे गेंदबाजों को सफलता मिलती है जो स्टंप पर गेंद कराते हैं. उन्होंने कहा, ‘एमसीजी पर आप बल्लेबाज को बोल्ड, पगबाधा करने के लिए स्टंप को निशाना बनाते हो और विकेटकीपर व स्लिप की भूमिका भी अहम होती है. (मार्को) यानसन ने शानदार गेंदबाजी की लेकिन उन्हें बहुत कम गेंदबाजी दी गई.’
नॉर्किया ने बेहतरीन गेंदबाजी की और दक्षिण अफ्रीका के सबसे प्रभावी तेज गेंदबाज नजर आए लेकिन इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे दिन 331 रन बनाए और सिर्फ दो विकेट गंवाए. सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने दोहरा शतक जड़ा जबकि पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ ने 85 रन की पारी खेली. उन्होंने कहा, ‘नोर्किया ने कल बेहतरीन गेंदबाजी की और ऐसा वह अपनी गति तथा आक्रामकता के कारण कर पाया. अगर नॉर्किया को अच्छा समर्थन मिला तो नतीजा अलग हो सकता था.’
कैटिच ने कहा, ‘मुझे लगता है कि (कगिसो) रबाडा ने निराश किया क्योंकि उसने पांच रन प्रति ओवर से अधिक की गति से रन दिए और कभी दबाव नहीं बना पाया. (लुंगी) एनगिडी को संभवत: नहीं खेलना चाहिए था क्योंकि वह बिलकुल भी दबाव नहीं बना पाया.’
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