'मैं इस लायक नहीं कि उसकी कड़ी मेहनत का श्रेय लूं', टीम इंडिया में चयन के बाद भावुक हुए उमरान मलिक के पिता

भारत में बेहद कम गेंदबाज ऐसे पैदा हुए हैं जो अपनी रफ्तार के चलते चर्चा में आए हों और तुरंत ही उनका टीम इंडिया में चयन हो गया हो.

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भारत में बेहद कम गेंदबाज ऐसे पैदा हुए हैं जो अपनी रफ्तार के चलते चर्चा में आए हों और तुरंत ही उनका टीम इंडिया में चयन हो गया हो. साल 2022 इंडियन प्रीमियर एडिशन ने टीम इंडिया को रफ्तार का नया किंग दे दिया है. हम यहां उमरान मलिक की बात कर रहे हैं जिन्हें अपनी आग उगलती गेंदों का तोहफा मिला है. उमरान का चयन आगामी साउथ अफ्रीका सीरीज के लिए टीम इंडिया में हो गया है. सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाज ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी तेज गेंदों से बल्लेबाजों के बीच खौफ पैदा कर दिया. ऐसे में इस गेंदबाज का प्रदर्शन देख उमरान को टीम इंडिया में चयन करने की मांग उठने लगी जिसके बाद आखिराकर इस खिलाड़ी का सपना सच हो गया है. भारतीय टीम में जगह बनाने वाले तेज गेंदबाज उमरान मलिक के पिता अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे है. मलिक के पिता अब्दुल राशिद फल विक्रेता हैं और वह पिछले दो महीने से अपने बेटे के भारतीय टीम में चयन होने का सपना देख रहे थे. जम्मू कश्मीर के 21 साल के मलिक ने आईपीएल के 13 मैचों में 21 विकेट लिए लेकिन इन विकेटों से ज्यादा उन्होंने 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी करने के कारण अधिक सुर्खियां बटोरी. 


मलिक के घर में जश्न का माहौल

टीम का चयन होने के साथ ही शाम पांच बजे के बाद राशिद के फोन पर बधाई संदेशों की बाढ़ सी आ गयी. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘ बड़ी संख्या में लोग मुझे बधाई देने के लिए आ रहे है. मैं अब घर जा रहा हूं और इसके जश्न में शामिल होऊंगा. अभी इंटरनेट पर खबर देखी. राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनने से बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है.’’ उनकी आवाज में खुशी की खनक महसूस की जा सकती थी. उन्होंने कहा, ‘‘ उमरान ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से हम सभी को गौरवान्वित किया है और जिस तरह से पूरे देश ने उसका साथ दिया, हम एक परिवार के रूप में केवल उसका आभार जता सकते हैं. मेरे उमरान को पूरे देश के समर्थन मिला है.’’ उमरान को खेल में आगे बढ़ाने के लिए राशिद और उनकी पत्नी ने कई बलिदान दिये लेकिन वह खुद कोई श्रेय नहीं लेना चाहते है. 



मैं उसकी मेहनत का श्रेय नहीं ले सकता

उन्होंने कहा, ‘‘ उमरान को विश्वास था कि एक दिन वह सफलता प्राप्त करेगा. उसे अपने कौशल और प्रतिभा पर पूरा यकीन था और उसने इसके लिए कड़ी मेहनत की. यह पूरी तरह से उसकी सफलता है और ऊपर वाले का आशीर्वाद भी है. उसने कड़ी मेहनत की और अल्लाह ने उसका समर्थन किया. मैं इस लायक नहीं हूं कि उसकी कड़ी मेहनत का श्रेय लूं.’’ उमरान जम्मू कश्मीर के दूसरे क्रिकेटर है जिसका चयन राष्ट्रीय टीम के लिए हुआ है. इससे पहले परवेज रसूल ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है. रसूल का संबंध घाटी (कश्मीर) से था तो वहीं उमरान जम्मू से है. उन्होंने शुरुआती दिनों में कोच रणधीर सिंह मन्हास और राज्य के अनुभवी तेज गेंदबाज राम दयाल की देख रेख में अभ्यास किया था. मन्हास ने कहा कि जब 17 साल की उम्र में उमरान उनके पास आये थे तब उन्होंने सिर्फ नेट पर गेंदबाजी करने की मांग की और अब वह इतिहास का हिस्सा है.


उमरान का शरीर बेहद मजबूत

 उन्होंने कहा, ‘‘ तवी नदी के किनारे घर होने के कारण उमरान ने रेतीली जगह पर क्रिकेट खेला है, जिससे उनके शरीर का निचला हिस्सा काफी मजबूत है. ’’ राशिद के लिए उमरान को भारतीय टीम की ब्लू जर्सी में देखना एक सपना है . उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि वह अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित करें. हमारे लिए और कुछ मायने नहीं रखता.’’ उनके चयन के बाद जम्मू के गुर्जर नगर स्थित उनकी कॉलोनी में उत्साह का माहौल है. लोग इस युवा खिलाड़ी के पोस्टर के साथ ढोल की थाप पर नाच रहे थे.

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