गौतम गंभीर का ये कैसा बर्ताव! 'बहाना नहीं दूंगा' बोलने के बाद 13 मिनट में 5 बार खुद के बयान से पलटे

गौतम गंभीर ने 13 मिनट लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने 5 बार बहाना बनाया कि टीम ने ये किया वो किया. लेकिन इस दौरान उनके पास एक भी ठोस जवाब तैयार नहीं था कि आखिर टीम को हार क्यों मिली और वो आगे इसे कैसे बदलेंगे.

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गौतम गंभीर की प्रेस कॉन्फ्रेंस की आलोचना हो रही है

इसमें गंभीर सिर्फ बहाने बनाते नजर आए

भारतीय टीम की साउथ अफ्रीका के खिलाफ करारी हार इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो चुकी है. और जब इन पन्नों पर अंगुलियां फेरी जाएंगी तो सबसे ऊपर गौतम गंभीर का ही नाम आएगा. भारत को साउथ अफ्रीका ने घर पर गुवाहाटी टेस्ट में 408 रन से हरा दिया. ये हार सबसे बड़ी हार थी जो अब फैंस को बेहद ज्यादा चुभ रही है. फैंस इस हार का सबसे बड़ा विलेन गंभीर को बता रहे हैं. लेकिन इससे भी बड़ा बवाल उस वक्त हुआ जब गंभीर पोस्ट मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए. 13 मिनट के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतम गंभीर ने पहले ही कहा कि वो बहाना नहीं बनाएंगे. लेकिन इस दौरान वो 5 बार खुद के बयान से पलट गए. इसे देख अब फैंस सोशल मीडिया पर उनकी खूब चुटकी ले रहे हैं.

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जिम्मेदारी किसकी? गंभीर का सीधा जवाब

सबसे पहला सवाल गंभीर से पूछा गया कि, सीरीज में हार की जिम्मेदारी किसकी है? इसपर गंभीर ने तुरंत कहा, “ड्रेसिंग रूम में बैठा हर शख्स. सबसे पहले मैं, फिर हर खिलाड़ी. मैं कभी ये नहीं कहूंगा कि ये खिलाड़ी गलत है या फिर उस शख्स की गलती है. टीम गेम है, हार-जीत सभी शेयर करते हैं.

बता दें कि गौतम गंभीर ने इसके बाद जो कहा उससे साफ पता चला कि टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल से वो सबसे ज्यादा नाराज थे. गंभीर ने कहा कि, “आप लोग तो मैच देख ही रहे थे ना? 95/1 से 120/7 तक पहुंच गए हम. ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है. हम स्पिन की बात करते रहते हैं, लेकिन उस वक्त तो एक सीमर ने चार विकेट निकाल लिए. पहले भी ऐसे हाल हुए हैं. कोई तो हाथ उठाए और बोले, अब बस, मैं रोकता हूं. उस दिन हम गेम पर पूरी पकड़ बना चुके थे, फिर अचानक 5-6 विकेट मुफ्त में दे दिए.”

स्पिन के सामने क्यों घुटने टेक रहे हैं?

गंभीर ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, “देखिए, न्यूजीलैंड वाली सीरीज में बिल्कुल अलग टीम थी. उस टीम में अनुभव था, ये टीम बिल्कुल नई है. ऊपर से नीचे तक अंतर है. न्यूजीलैंड से तुलना करना गलत है. हमारे टॉप-8 में 4-5 बल्लेबाज ऐसे हैं जिन्होंने 15 टेस्ट भी नहीं खेले. मैं बहाना नहीं बना रहा, लेकिन ये बच्चे अभी मैदान पर ही सीख रहे हैं.”

ट्रांजिशन है, वक्त चाहिए

गंभीर ने आगे कहा, “मुझे ट्रांजिशन शब्द इस्तेमाल करना पसंद नहीं, लेकिन यही ट्रांजिशन है. जब बल्लेबाजी लाइन-अप में ज्यादातर लड़के 15-20 टेस्ट भी नहीं खेले हों, तो दबाव झेलने में वक्त लगेगा. अच्छी टीमों के सामने टेस्ट क्रिकेट आसान नहीं होता. इन्हें वक्त दो, ये सीख रहे हैं, आगे चलकर बेहतर होंगे.”

शेड्यूल ने भी किया परेशान

अंत में गंभीर ने शेड्यूल का भी जिक्र किया. बता दें कि, ऑस्ट्रेलिया से व्हाइट बॉल सीरीज खेलकर टीम इंडिया कोलकाता सिर्फ चार दिन पहले पहुंची. ऐसे में गंभीर ने कहा कि, “शेड्यूल का असर तो पड़ता है. तीन दिन पहले तक हम ऑस्ट्रेलिया में थे, फिर सीधे टेस्ट टीम के साथ दो दिन प्लान करो. ये आसान नहीं. थोड़ा गैप मिले तो कुछ स्किल पर काम कर सकते थे. हमें पता था कि उनके दो बहुत अनुभवी स्पिनर हैं. लेकिन फिर भी मैं ये बहाना नहीं बनाऊंगा. 95/1 से जो हुआ, वो स्किल की नहीं, दिमाग की कमी थी. मेंटल एप्लीकेशन की कमी थी.”

बता दें कि पूरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर का यही रवैया देखने को मिला. हर बार वो कहते रहे मैं बहाना नहीं बनाऊंगा लेकिन हर बार उन्होंने बहाना बनाया और हार के सही कारण नहीं गिनाए. गंभीर की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखने के बाद ये पता चला कि उनके पास इन सब चीजों का कोई प्लान तैयार नहीं है.

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