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भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 22 नवंबर से गुवाहाटी में दूसरा टेस्ट मैच खेला जएगा. हालांकि इस मैच में मिलने वाली तीसरी चुनौती ने खलबली मचा दी है. दरअसल पहली बार पुरुषों के टेस्ट की मेजबानी कर रहे गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में, चुनौती सिर्फ बल्ले और गेंद तक ही सीमित नहीं होगी. यहां सूरज की भी एक चुनौती होगी. गुवाहाटी में सुबह भी जल्द होती है तो अंधेरा भी जल्दी छा जाता है. ऐसे में खेल के दौरान अंधेरा होना एक चुनौती होगी.
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गुवाहाटी देश के सबसे पूर्वी हिस्से में है, इसलिए देश की ज़्यादातर दूसरी जगहों के मुकाबले यहां अंधेरा बहुत पहले हो जाता है. खराब रोशनी की वजह से ओवर बर्बाद होने से बचने के लिए मैच अधिकारियों ने पहले ही शेड्यूल में बदलाव भी कर दिया था, जिसके अनुसार गुवाहाटी टेस्ट में पारंपरिक लंच और टी ब्रेक के शेड्यूल को बदल दिया गया. भारत में टेस्ट मैच में यह बहुत कम होता है कि खिलाड़ी लंच से पहले टी ब्रेक लेंगे. गुवाहाटी में मुंबई या दिल्ली जैसी जगहों की तुलना में सूर्योदय और सूर्यास्त बहुत पहले होता है. दिन के कम समय को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने खेल शुरू होने का समय आम तौर पर सुबह 9:30 बजे के बजाय सुबह 9:00 बजे कर दिया है और दिन का खेल भी शाम चार बजे खत्म होगा, क्योंकि शाम साढे चार बजे से अंधेरा होने लगता है.
गुवाहाटी टेस्ट में तीनों सेशन का शेड्यूल
गुवाहाटी टेस्ट में पहला सेशन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक खेला जाएगा, उसके बाद 11 बजे से 11:20 बजे तक टी ब्रेक होगा. दूसरा सेशन सुबह 11:20 बजे से दोपहर 1:20 बजे तक खेला जाएगा, जिसके बाद दोपहर दो बजे तक लंच होगा. आखिरी सेशन दोपहर दो बजे से शाम 4 बजे तक खेला जाएगा, ताकि सूरज की रोशनी का पूरा इस्तेमाल किया जा सके. पूर्वी भारत में रणजी ट्रॉफी मैचों के दौरान भी सूरज की रोशनी में ही दिन का खेल पूरा करने के लिए इसी तरह के शेड्यूल बनाया गया.
शेड्यूल में बदलाव को लेकर टेंशन नहीं
हालांकि टीम इंडिया इस शेड्यूल को लेकर चिंता में नहीं हैं. गुवाहाटी टेस्ट में प्लेइंग इलेवन की दावेदारी ठोक रहे बल्लेबाज साई सुदर्शन ने JioHotStar के 'Follow The Blues' पर कहा कि मुझे लंच से पहले चाय पीने में कोई दिक्कत नहीं है. मैं पहले से ही लंच के दौरान चाय पीता हूं, इसलिए मुझे शायद इसमें मजा आएगा. बेशक यह नया है, लेकिन हमें इसकी आदत हो जाएगी. इसे एक्सप्लोर करना रोमांचक है.
एडजस्टमेंट के पीछे के लॉजिक को माना
साउथ अफ्रीका के स्पिनर केशव महाराज ने भी इस एडजस्टमेंट के पीछे के लॉजिक को माना. उन्होंने कहा कि हमने असल में हाल ही में इसके बारे में सुना है. यह दिलचस्प है कि लेकिन आप इसके पीछे की सोच समझ सकते हैं. सूरज की रोशनी एक फैक्टर बन जाती है, इसलिए वे खेलने का ज़्यादा से ज़्यादा समय लेने की कोशिश कर रहे हैं. हम बनाए गए नियमों का सम्मान करते हैं और हम यहां अपना बेस्ट देने के लिए हैं.
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