भारत को कोलकाता में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में 30 रन से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद से ही टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर की आलोचना हो रही है. उन्हें हेड कोच पद से हटाए जाने की भी मांग उठने लगी है. अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली गंभीर के सपोर्ट में उतरे और उनका कहना है कि गंभीर को कोच पद से हटाने का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन उन्होंने टीम को सलाह दी कि वे हर समय पिच पर निर्भर रहने के बजाय एकजुट होकर टेस्ट जीतने के लिए कड़ी मेहनत करें.
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गंभीर की कोचिंग में भारत की यह नौवीं टेस्ट हार थी. वह तीन मैचों की सीरीज में घरेलू मैदान पर वाइटवॉश झेलने वाले पहले कोच थे. पिछले साल न्यूज़ीलैंड ने भारत को 3-0 से हराया था और तब भी स्पिन-भारी पिचों का घरेलू टीम पर उल्टा असर देखने को मिला था.
टेस्ट मैच जीतने के लिए कड़ी मेहनत
सौरव गांगुली ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि नहीं, नहीं, इस समय गौतम गंभीर को टीम से बाहर करने का कोई सवाल ही नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि एक टीम के तौर पर उन्हें एकजुट होकर खुद से कहना होगा कि हम टेस्ट मैच जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, क्योंकि सपाट पिचों पर यह बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि विरोधी टीम पैड लगाएगी, दोनों टीमों की पहली पारी में बड़े रन बनेंगे और भारत में, आश्चर्यजनक रूप से, आप देखेंगे कि चौथे और पांचवें दिन खेल कितनी तेजी से बदल जाता है.
धैर्य रखने की जरूरत
पूर्व भारतीय कप्तान ने आगे कहा कि इसलिए उन्हें इस मामले में धैर्य रखना होगा. जैसा कि मैंने कहा, उनके पास 20 विकेट लेने की क्षमता वाला गेंदबाजी आक्रमण है, जैसा कि आपने ओवल में आखिरी दिन देखा था, जैसा कि आपने उस सीरीज (इंग्लैंड के खिलाफ) के दौरान एजबेस्टन में देखा था, इसलिए वे ऐसा भी कर सकते हैं. भारत में गेंद पुरानी होने के साथ स्विंग का महत्व बढ़ जाता है. इसलिए यह सिर्फ़ मानसिकता में बदलाव है.
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच 22 नवंबर से गुवाहाटी के बारसापारा स्टेडियम में खेला जाएगा.
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