इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच टेस्ट सीरीज में खराब रोशनी के चलते खेल में लगातार खलल पड़ा है. दी ओवल में खेले जा रहा तीसरा टेस्ट भी इससे अछूता नहीं रहा. पहले दिन खराब रोशनी की वजह से समय से पहले खेल रोका गया. दूसरे दिन तो इसकी वजह से एक अलग ही घटना हुई. श्रीलंका की बल्लेबाजी के दौरान अंपायर्स ने खराब रोशनी की वजह से तेज गेंदबाजी करने से रोक दिया. नतीजतन इंग्लिश टीम को स्पिन बॉलिंग करनी पड़ी. इंग्लैंड के क्रिस वॉक्स को खराब रोशनी की वजह से स्पिन बॉलिंग करनी पड़ी. इसके चलते अंपायर्स के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं.
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श्रीलंका की बैटिंग के दौरान सातवें ओवर में बादल गहरा जाने से गेंद दिखने पर असर पड़ा. अंपायर्स ने लाइट मीटर के जरिए जांच की और इसके बाद खेल जारी रहा. दो गेंद बाद दिमुथ करुणारत्ने नौ रन बनाने के बाद रन आउट हो गए. इसके बाद अंपायर्स ने फिर से लाइट मीटर निकाला और रोशनी की जांच की. इसके बाद अंपायर्स ने इंग्लैंड के कप्तान ऑली पोप से कहा कि रोशनी खेल के लिहाज से सही नहीं है. ऐसे में उन्हें स्पिन बॉलिंग करनी होगी. यह ओवर के बीच में हुआ और तब तक वॉक्स दो गेंद फेंक चुके थे. आगे खेल जारी रखने के लिए वॉक्स ने स्पिन कराने का फैसला किया. उन्होंने अगली चार गेंद ऑफ स्पिन के जरिए कराई. इन गेंदों में छह रन बने जिनमें एक चौका भी शामिल रहा.
अंपायर्स के स्पिन बॉलिंग कराने पर इंग्लिश खेमा थोड़ा नाराज सा दिखा. चोट की वजह से सीरीज से बाहर चले रहे स्थायी कप्तान बेन स्टोक्स ने ड्रेसिंग रूम में बैठे रहने के दौरान इस फैसले से असहमति जताई. उन्होंने सिर पकड़ लिया.
लॉर्ड्स टेस्ट में भी खराब रोशनी से बिगड़ा था खेल
इससे पहले लॉर्ड्स टेस्ट में भी खराब रोशनी ने टेस्ट का मजा खराब किया था. तब भी इंग्लिश कप्तान से स्पिन बॉलिंग कराने को कहा गया था. लेकिन पोप ने उस समय ऐसा नहीं किया था. इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी. माइकल वॉन और ऑएन मॉर्गन जैसे पूर्व कप्तानों ने पोप की खिंचाई की थी.
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