ऑएन मॉर्गन ने लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन के आखिरी सेशन में ढीला रवैया अपनाने पर इंग्लिश क्रिकेट टीम और इसके कप्तान ऑली पोप की आलोचना की. उन्होंने कहा कि सब कुछ उनके पक्ष में था फिर भी उन्होंने दोनों छोर से स्पिन बॉलिंग कराने से इनकार कर दिया. इससे तीसरे दिन का खेल तय समय से पहले ही रोकना पड़ा. आखिरी सेशन में खराब रोशनी के चलते तेज गेंदबाजों की बॉलिंग को खतरनाक माना गया लेकिन इंग्लिश टीम ने स्पिन को आजमाने की तुलना में खेल समाप्त करना ठीक समझा. तब खेल में 22 ओवर बाकी थे. समझा जाता है कि इंग्लिश कप्तान नई गेंद की चमक को खोना नहीं चाहते थे इस वजह से वे दोबारा मैदान पर नहीं आए. इंग्लिश कप्तान पोप ने शोएब बशीर और जो रूट से कुछ ओवर लगातार कराए थे. लेकिन बाद में उन्होंने मैथ्यू पॉट्स और ऑली स्टोन से बॉलिंग कराई.
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मॉर्गन ने स्काई स्पोर्ट्स पर पोप के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि इस फैसले पर सवाल उठना चाहिए. इसकी वजह समझने के लिए आखिरी घंटे का संदर्भ देखना होगा. तब अंधेरा था. यह वजह थी कि सीमर्स बॉलिंग नहीं कर सकते थे. यह सभी लोगों के लिए खतरनाक था. अगर आप श्रीलंका के ड्रेसिंग रूम में बैठे हैं तो सोच रहे होते हैं कि इस कंडीशन में तो बैटिंग करना मुश्किल है. ऐसे में यह नुकसान की बात है. मैं पूरी तरह से समझता हूं कि गेंद की कंडीशन को लेकर चिंता थी लेकिन आपके पास इंग्लैंड के प्रीमियर स्पिनर शोएब बशीर है जिसे बॉलिंग की जरूरत है. गेंद घूम रही थी और उसे उछाल मिल रहा था.'
मॉर्गन बोले- सब कुछ पक्ष में फिर भी ड्रेसिंग रूम में बैठे हैं
श्रीलंका का स्कोर तीसरे दिन के खेल के बाद दो विकेट पर 53 रन था. उसने दो विकेट गंवाने के बाद स्पिनर प्रबाथ जयसूर्या को नाइटवॉचमैन के तौर पर भेज दिया था. इस पर मॉर्गन ने आगे कहा, 'वे एक तरफ नौवें नंबर पर उतरने वाले बल्लेबाज को बॉलिंग करा रहे थे. सब कुछ इंग्लैंड के पक्ष में था. मैं इस फैसले पर सवाल उठाता हूं. आपके पास रन हैं, दो या तीन नई गेंद हैं, सब कुछ आपके पक्ष में है. और फिर भी आप लोग ड्रेसिंग रूम में बैठे हैं.'
इससे पहले माइकल वॉन ने भी पोप की आलोचना की थी. बेन स्टोक्स की जगह कमान संभाल रहे पोप दूसरी पारी में 17 रन बनाने के बाद आउट हो गए थे. वॉन ने इसके बाद कहा था कि वे इस भूमिका के लिए सही शख्सियत नहीं हैं.
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