अर्जुन तेंदुलकर का गेंद से बवाल, इस टूर्नामेंट में 9 विकेट लेकर बल्लेबाजों के लिए बने काल, टीम भी जीती

अर्जुन तेंदुलकर ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ आमंत्रण टूर्नामेंट में केएससीए 11 के खिलाफ 9 विकेट लेकर कमाल कर दिया. इसका नतीजा ये रहा कि गोवा की टीम ने मुकाबला जीत लिया.

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Neeraj Singh

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विकेट लेने के बाद जश्न मनाते अर्जुन तेंदुलकर

विकेट लेने के बाद जश्न मनाते अर्जुन तेंदुलकर

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अर्जुन तेंदुलकर ने अकेले दम पर 9 विकेट लिए हैंअर्जुन ने ये कमाल कर्नाटक की टीम के खिलाफ किया

सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने फर्स्ट क्लास के एक मैच में धांसू प्रदर्शन किया है. इस गेंदबाज ने गोवा के लिए खेलते हुए अकेले ही 9 विकेट ले डाले और टीम को 189 रन से जीत दिला दी.  घरेलू सीजन से पहले होने वाले इस टूर्नामेंट को केएससीए (कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ) आमंत्रण टूर्नामेंट के नाम से भी जाना जाता है. केएससीए 11 की टीम में निकिन जोश और विकेटकीपर शरत श्रीनिवास के अलावा सभी खिलाड़ी अंडर 19 और अंडर 23 टीम के थे.

 

अर्जुन ने अकेले चटकाए 9 विकेट

 

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन ने इस मैच की दोनों पारियों में 26.3 ओवर की गेंदबाजी की और 87 रन देकर नौ विकेट लिए. अर्जुन ने पहली पारी में 13 ओवर में 41 रन देकर पांच विकेट लिए जिससे कर्नाटक की टीम महज 103 रन पर सिमट गई. गोवा ने अभिनव तेजराणा की 109 रन की पारी के दम पर 413 रन बनाए. केएससीए की दूसरी पारी 30.4 ओवर में 121 रन पर सिमट गई. अर्जुन ने इस दौरान 13.3 ओवर में 46 रन देकर चार विकेट लिए. अर्जुन ने प्रथम श्रेणी के 13 मैचों में 21 विकेट लिए हैं.

 

सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन ने पहले पूर्व भारतीय खिलाड़ी योगराज सिंह से ट्रेनिंग लिया था, जो युवराज के पिता हैं. योगराज से जब एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि अर्जुन तेंदुलकर आपके पास ट्रेनिंग के लिए आए थे. आप उनका भविष्य कैसा देखते हैं? इसपर योगराज ने कहा था कि, "क्या आपने कोयले की खदान में हीरा देखा है? वो कोयला ही है..निकालो पत्थर ही है, किसी तराशगीर के हाथ में डालो तो चमक के दुनिया का कोहिनूर बन जाता है. योगराज ने आगे कहा था कि यह अमूल्य है. लेकिन अगर वही हीरा किसी ऐसे व्यक्ति के पास पहुंच जाए, जो इसका मूल्य नहीं जानता तो वह इसे नष्ट कर देता है. मैं यह नहीं कहता कि योगराज सिंह एक महान चरित्र हैं, युवराज सिंह यह कहते हैं, 'मेरे पिताजी के हाथ में जादू है, उन्होंने मुझे वह बनाया जो मैं हूं.' पहले, मुझे गाली दी गई थी 'हिटलर, ड्रैगन सिंह, मैं अपने पिता से नफरत करता हूं'. मेरे घर में हर कोई मुझसे नफरत करता था. मेरे रिश्तेदारों ने कहा, मुझे पिता नहीं बनना चाहिए था.''

 

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