Glenn Maxwell announces retirement from ODI cricket: ऑस्ट्रेलिया को कई यादगार जीत दिलाने वाले ग्लेन मैक्सवेल ने अपने 13 साल के वनडे करियर को अलविदा कह दिया है. उन्होंने वनडे क्रिकेट से तुरंत प्रभाव से संन्यास का ऐलान कर दिया है. उन्होंने घोषणाा करते हुए कहा कि वह 2012 में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले गए पहले फॉर्मेट से संन्यास ले रहे हैं.उन्होंने 149 वनडे मैचों में लगभग 3990 रन बनाए हैं. 2022 में एक भयानक दुर्घटना में टूटे अपने बाएं पैर की चोट को अभी भी मैनेज करने वाले मैक्सवेल ने फरवरी के चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के दौरान चयन प्रमुख जॉर्ज बेली से कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि वह 2027 वनडे वर्ल्ड कप में जगह बना पाएंगे.
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'मैं स्वार्थी होकर...', ग्लेन मैक्सवेल का वनडे छोड़ने पर विस्फोटक बयान, अपने संन्यास के बहाने भारतीय सितारों पर साधा निशाना!
दो बार के वनडे वर्ल्ड कप विनर फाइनल वर्ड पॉडकास्ट को बताया-
मैंने उसी समय उनसे कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा कर पाऊंगा. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि मेरी जगह वाले लोगों के लिए योजना बनाई जाए, उन्हें कोशिश करनी चाहिए और 2027 वर्ल्ड कप के लिए उस स्थान को अपना बनाने का प्रयास करना चाहिए. उम्मीद है कि उन्हें पर्याप्त नेतृत्व मिलेगा ,जहां वे उस भूमिका में सफल हो सकें.
ऐसा माना जा रहा है कि मैक्सवेल ने वनडे से संन्यास का मन उंगली की चोट से काफी पहले ही बना लिया था, जिसके कारण वह इस साल आईपीएल से बाहर हो गए हैं. उन्होंने आगे कहा-
वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का मेरा फैसला संभवत चैंपियंस ट्रॉफी के पहले कुछ मैचों के बाद लिया गया.मुझे लगा कि मैंने खुद को उन मैचों के लिए फिट और तैयार होने का एक बहुत अच्छा मौका दिया है. लाहौर में पहला मैच हम एक बहुत ही हार्ड आउटफील्ड पर खेले. उस गेम के बाद मैं बहुत दर्द में था.
हम भाग्यशाली थे कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच बारिश की भेंट चढ़ गया, जहां मुझे आराम करने और अगले मैच के लिए खुद को तैयार करने के लिए थोड़ा और समय मिला. अफगानिस्तान के खिलाफ अगले मैच में हमने 50 ओवरों तक बहुत गीली आउटफील्ड पर फील्डिंग की. यह फिसलन भरी और नरम थी और मैं ठीक से फील्डिंग नहीं कर पाया.
मुझे यह एहसास होने लगा कि यदि 50 ओवर के क्रिकेट में मुझे सही परिस्थितियां नहीं मिलेंगी, तो मेरा शरीर संघर्ष करेगा.
ऐसा लगता है कि 50 ओवरों को पार करना एक थका देने वाला काम है. उन 50 ओवरों के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना और फिर मैदान पर जाकर बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करना तो दूर की बात है.
मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मेरा शरीर परिस्थितियों को लेकर जिस तरह से रिएक्ट कर रहा था.उससे मैं टीम को थोड़ा निराश कर रहा था.
दाएं हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने वनडे के 120 से अधिक स्ट्राइक-रेट (126.70 के अपने करियर रिकॉर्ड के साथ समाप्त किया) बनाए रखने वाले महान बल्लेबाजों के बीच अपनी खास जगह बनाई है.
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