अक्षर पटेल के संघर्ष ने श्रेयस अय्यर की टीम की लाज बचाई. अक्षर टीम का सम्मान बचाने के लिए अकेले लड़े. उन्होंने इंडिया सी और इंडिया डी के बीच खेले जा रहे दलीप ट्रॉफी के मैच में पहले बल्ले और फिर गेंद से कमाल कर दिया. अगर अक्षर क्रीज पर अकेले नहीं लड़ते तो टीम शायद 100 रन भी नहीं बना पाती. पहले बैटिंग करने उतरी इंडिया डी के लिए अक्षर ने फिफ्टी लगाई. इसके बाद उन्होंने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक इंडिया सी को दो झटके भी दे दिए.
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अक्षर की 86 रन की पारी के दम पर श्रेयस अय्यर की इंडिया डी किसी तरह 164 रन बना पाई. अक्षर पटेल के रूप में इंडिया डी को 164 रन पर आखिरी झटका लगा था. 164 रन पर सिमटने के बाद इंडिया डी के गेंदबाजों ने सी के सामने भी मुश्किल खड़ी कर दी. सी ने स्टंप तक अपने चार विकेट महज 91 रन पर गंवा दिए.
अक्षर ने लिए दो बड़े विकेट
इंडिया सी को झटका देने में सबसे बड़ा हाथ अक्षर का रहा, जिन्होंने छह ओवर में 16 रन देकर आर्यन जुयाल और रजत पाटीदार के रूप में दो बड़े विकेट लिए. उनके अलावा हर्षित राणा ने कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ और साई सुदर्शन को पवेलियन भेजा. इंडिया डी की गेंदबाजी के आगे सी ने अपने चार विकेट एक समय 43 रन पर ही गंवा दिए थे, मगर इसके बाद बाबा इंद्रजीत और अभिषेक पोरेल के बीच पार्टनरशिप हुई और दोनों स्टंप होने तक क्रीज पर टिके रहे. इंद्रजीत 15 रन और अभिषेक पोरेल ने 32 रन बना लिए हैं.
अक्षर ने टीम को संभाला
इंडिया डी की बैटिंग की बात करें तो अक्षर के अलावा डी टीम का कोई बल्लेबाज नहीं चल पाया. छह बल्लेबाज तो दोहरे आंकड़े को भी पार नहीं कर पाए, जिसमें कप्तान का भी नाम शामिल है. अक्षर उस वक्त क्रीज पर आए थे, जब डी ने अपने 5 विकेट महज 34 रन पर ही गंवा दिए थे. इसके बाद वो एक छोर पर टिक गए और टीम के लिए रन जोड़े. अपनी पारी में उन्होंने 6 चौके और 6 छक्के लगाए.
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