विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने अपने 123 टेस्ट मैचों के सफर को बीते दिन रोक दिया. भारत के लिए रिकॉर्ड 123 टेस्ट खेलने वाले कोहली के टेस्ट में पहली बार सेलेक्शन को लेकर पूर्व सेलेक्टर संजय जगदाले ने बड़ा खुलासा किया है. जगदाले ने कहा कि 36 साल के बल्लेबाज के इस फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने उस पल को याद किया कि कोहली को सेलेक्टर की नेशनल कमिटी के तत्कालीन चीफ दिलीप वेंगसरकर के कहने पर वनडे फॉर्मेट की भारतीय टीम में शामिल किया गया था, लेकिन तब कुछ लोगों ने यह कहकर चयनकर्ताओं की आलोचना की थी कि एक बेहद युवा खिलाड़ी को इंटरनेशल दौरे पर कैसे भेज दिया गया.
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कोहली ने 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए वनडे मैच के जरिये इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. जगदाले ने पीटीआई से कहा-
मुझे आज भी याद है कि कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट में अपनी शतकीय पारी की बदौलत दिलीप वेंगसरकर को बेहद प्रभावित किया था. वेंगसरकर तब नेशनल सेलेक्टर की पांच सदस्यीय समिति के प्रमुख थे.
उन्होंने बताया-
वेंगसरकर ने मुझसे कोहली की तारीफ करते हुए कहा था कि यह लड़का बढ़िया बल्लेबाज है. मैंने हालांकि तब कोहली का खेल नहीं देखा था,लेकिन वेंगसरकर के कहने पर हम सभी चयनकर्ताओं ने राष्ट्रीय टीम में कोहली के चयन पर सहमति जता दी थी.
जगदाले ने कहा कि कोहली में टैलेंट के साथ ही आत्मविश्वास और आक्रामक रवैया शुरुआत से था. उन्होंने कहा-
जब हमने भारतीय टीम में कोहली को शामिल किया,तब कुछ लोगों ने हमारी यह कहकर आलोचना की थी कि हमने इतने युवा खिलाड़ी को श्रीलंका के दौरे पर कैसे भेज दिया, लेकिन इन लोगों को आज कोई याद नहीं करता.
जगदाले ने कोहली को सचिन तेंदुलकर के बाद क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में सबसे महान भारतीय बल्लेबाजों में से एक बताया.बीसीसीआई के पूर्व सचिव ने कहा-
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास को लेकर कोहली के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन उनकी छोड़ी जगह इतनी आसानी से भरी नहीं जा सकेगी.
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