'एसी कमरों में बैठने वाले कुछ लोग...', गौतम गंभीर ने सवाल उठाने वालों को लिया आड़े हाथों, जमकर सुनाई खरी-खोटी

गौतम गंभीर ने इंग्लैंड दौरे से पहले आलोचना करने वाले कमेंटेटर्स को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि जिनके घर में शीशे के बने होते हैं वे दूसरों को पत्थर नहीं मारा करते हैं.

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गौतम गंभीर ने कहा कि कुछ लोग भारतीय क्रिकेट को अपनी जागीर समझने लगे हैं.

गौतम गंभीर ने बिना नाम लिए दो पूर्व क्रिकेटर्स को निशाने पर लिया.

गौतम गंभीर बोले कि उऩका काम देश को गर्व महसूस कराना है.

भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने आलोचना करने वालों को जमकर लताड़ लगाई है. उन्होंने कहा कि जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं वे दूसरों को पत्थर नहीं मारा करते. गौतम गंभीर ने कमेंट्री बॉक्स में बैठकर सवाल उठाने वालों को निशाने पर लिया और खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि कुछ लोग भारतीय क्रिकेट को अपनी जागीर समझने लगे हैं. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन साफ पता चल रहा था कि मुंबई से आने वाले दो पूर्व क्रिकेटर्स उनके निशाने पर थे. 

गंभीर ने एबीपी न्यूज के इवेंट में कहा, 'मैं आठ महीने से इस काम में हूं. अगर नतीजे नहीं आते तो मुझे आलोचना सुनने में कोई दिक्कत नहीं है. यह लोगों का काम है. कुछ लोग हैं जो 25 साल से कमेंट्री बॉक्स में बैठे हैं और उन्हें लगता है कि भारतीय क्रिकेट उनकी निजी जागीर है. भारतीय क्रिकेट किसी की निजी संपत्ति नहीं है और यह 140 करोड़ भारतीयों का है. इन लोगों ने मेरी कोचिंग, कन्कशन से लेकर चैंपियंस ट्रॉफी की प्राइज मनी के वितरण तक सवाल उठाए हैं.' 

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गंभीर को किसने क्या कहा

 

2011 में भारत के इंग्लैंड दौरे के समय रवि शास्त्री ने कहा था कि गंभीर का कन्कशन गंभीर नहीं लग रहा. तब भारत को 4-0 से हार झेलनी पड़ी थी. वहीं चैंपियंस ट्रॉफी के बाद सुनील गावस्कर ने एक आर्टिकल में प्राइज मनी की बात की थी. उन्होंने राहुल द्रविड़ का उदाहरण देते हुए कहा कि क्या गंभीर भी उनकी तरह अपनी प्राइज मनी बाकी कोचेज के बराबर लेंगे.

गंभीर बोले- मुझे किसी को जवाब नहीं देना

 

गंभीर ने अब कहा, 'मुझे किसी को जवाब नहीं देना कि क्या मैंने पैसे लिए या नहीं... जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं वे दूसरों को पत्थर नहीं फेंका करते. ये लोग बाहर जाकर एनआरआई बन जाते हैं. मैं भारत में रहूंगा और अपना टैक्स यहीं चुकाऊंगा. जब मैंने यह काम (कोचिंग) लिया था तब मुझे पता था कि उतार-चढ़ाव होंगे. मेरा काम देश को गर्व महसूस कराना है. मैं यहां एसी वाले कमेंट्री बॉक्स में बैठने वाले कुछ लोगों को खुश करने के लिए नहीं हूं.'

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