आंध्र प्रदेश के पूर्व कप्तान हनुमा विहारी ने आखिरकार टीम का साथ छोड़ दिया है. विहारी ने त्रिपुरा के साथ एक साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. वहीं अगर राज्य और विहारी के बीच सबकुछ ठीक रहता है तो इसे एक साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है. विहारी ने कहा कि, आंध्र उन्हें अपने टी20 प्लान्स में नहीं देखता है. इसलिए उन्होंने किसी और राज्य का प्रतिनिधित्व करने का प्लान बनाया.
ADVERTISEMENT
अजीत अगरकर और गंभीर को सरफराज खान का करारा जवाब, मुंबई के लिए बल्ले से बरसाई आग, इस टूर्नामेंट में ठोका दूसरा शतक
भारतीय टीम के लिए कभी मिडिल ऑर्डर में खेलने वाले विहारी के लिए अब टीम के दरवाजे तकरीबन बंद हो चुके हैं. पिछले कुछ सालों से विहारी के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट ज्यादा खास नहीं रहा है. साल 2023-24 में वो राज्य की टीम के खिलाफ गए और कई आरोप भी लगाए.
तीनों फॉर्मेट खेलना है मेरा सपना: विहारी
ईएसपीएनक्रिकइंफो के साथ बातचीत में विहारी ने कहा कि, मैं मौके की तलाश में था. मुझे लगता है कि मैं तीनों फॉर्मेट खेल सकता हूं. आंध्र ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो टी20 फॉर्मेट में युवा खिलाड़ियों को देख रहे हैं. इसलिए मैंने ये फैसला किया कि 50 ओवर फॉर्मेट भी खेलने का कोई फायदा नहीं है. इसलिए मैं विजय हजारे ट्रॉफी से बाहर रहा. मैं भी नए वातावरण में खेलना चाहता था.
बता दें कि पिछले साल ऐसा लग रहा था कि वो मध्यप्रदेश की टीम का हिस्सा बन सकते हैं लेकिन टीडीपी के नेता नारा लोकेश ने उन्हें रोक लिया. विहारी ने पिछले सीजन को लेकर कहा कि, पिछले दो सीजन से मैं बाहर जाने को लेकर बात कर रहा था लेकिन मैं रुका. लेकिन नई टीम को लेकर मुझे लगता है कि यही बेस्ट समय है. इस साल उन्होंने मुझसे कॉन्टैक्ट किया था. बता दें कि विहारी को अब तक कप्तान नहीं बनाया गया है. कहा जा रहा है कि उन्हें त्रिपुरा की कप्तानी दी जा सकती है.
विहारी ने अंत में कहा कि, एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर मैं अपनी टीम के लिए योगदान देना चाहता हूं. चाहे मैं कप्तान बनूं या नहीं, लेकिन मैं पूरी ताकत से खेलूंगा. टीम के कुछ शानदार खिलाड़ी हैं. मैं उस टीम में खेलना चाहता हूं जिसमें बड़ी टीमों को चैलेंज करने की ताकत हो.
संजू सैमसन टी20 में लगातार दूसरे शतक से चूके, 13 छक्के-चौकों से ठोकी विस्फोटक फिफ्टी
ADVERTISEMENT