साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर-बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने पिछले सप्ताह इंटरनेशनल क्रिकेट से अचानक संन्यास लेकर दुनिया को चौंका दिया. 33 साल के क्लासेन ने साउथ अफ्रीका के लिए 4 टेस्ट, 60 वनडे और 58 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने खेल के तीनों फॉर्मेट में 3000 से अधिक रन बनाए. क्लासेन ने आखिरकार अपने संन्यास के फैसले पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि लंबे समय तक उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि साउथ अफ्रीका जीते या हारे.
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क्लासेन ने यह भी कहा कि उनका इरादा 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक खेलना था, लेकिन हेड कोच रॉब वाल्टर के व्हाइट-बॉल कोच के पद से हटने और सेंट्रल कॉन्ट्रेक्टसे बाहर होने के कारण उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने पर मजबूर होना पड़ा. क्लासेन ने रैपॉर्ट से कहा-
मुझे लंबे समय से लग रहा था कि मुझे अपने प्रदर्शन की परवाह नहीं है और ना ही टीम जीतेगी या नहीं. यह गलत जगह है. चैंपियंस ट्रॉफी से पहले मैंने रॉब से लंबी बातचीत की और मैंने उनसे कहा कि जो कुछ हो रहा है, उसे लेकर मैं दिल से अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं. मैं इसका उतना आनंद नहीं ले रहा था. हमने अच्छी तरह से बात की.
हमने 2027 में वर्ल्ड कप तक सब कुछ अच्छी तरह से प्लान किया. इसलिए जब उन्होंने कोच के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त किया और कॉन्ट्रेक्ट पर सीएसए के साथ बातचीत योजना के अनुसार नहीं हुई तो इससे मेरा फैसला बहुत आसान हो गया.
क्लासेन ने 2024 में अपने टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया था और इस साल आईपीएल के ठीक बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका के लिए दोनों सफेद गेंद फॉर्मेट से संन्यास ले लिया. क्लासेन ने 60 वनडे मैचों में 2141 रन बनाए.उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक वनडे मैच में देखने को मिला, जहां उन्होंने सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में 174 रनों की पारी खेली थी. उन्होंने प्रोटियाज के लिए 1000 टी20 रन भी बनाए, जिसमें 141.84 की औसत से गेंदबाजी की.
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