भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा जब भी फिफ्टी या शतक ठोकते हैं उसके बाद अपनी खास तलवारबाजी सेलिब्रेशन करते हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ब्रेट ली ने अब उन्हें चेतावनी दी है. ब्रेट ली ने कहा कि, जडेजा के कंधे की मांसपेशी (रोटेटर कफ) को नुकसान हो सकता है. अपने यूट्यूब चैनल पर ली ने कहा, “जडेजा को चोट लगने का खतरा सिर्फ उनके तलवार वाले सेलिब्रेशन से है. मुझे उनका स्टाइल बहुत पसंद है, लेकिन भाई, अपने शरीर का ध्यान रखो, ज्यादा जोश में सेलिब्रेट मत करो.”
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100 टेस्ट से ज्यादा खेलेंगे जडेजा
ली ने जडेजा की तारीफों के पुल बांधे. उन्होंने कहा, “अगले 15 टेस्ट, यानी करीब दो साल. मुझे लगता है कि जडेजा 100 टेस्ट का आंकड़ा पार कर लेंगे. वे दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक हैं. 36 साल की उम्र में भी उनके पास दो-तीन साल का शानदार क्रिकेट बाकी है.” ली ने जडेजा को ‘फैक्ट्री-मेड क्रिकेटर’ का तमगा दिया. “उनके पास एक क्रिकेटर के लिए जरूरी हर चीज है. उनकी तकनीक बिना किसी दिखाने के नॉर्म है. वे सटीक लाइन-लेंथ से गेंदबाजी करते हैं, जल्दी ओवर खत्म करते हैं और मैदान पर चुस्त-दुरुस्त रहते हैं.”
बेहद ज्यादा फिट हैं जडेजा
ली ने आगे कहा, “36 साल की उम्र में भी जडेजा सबसे फिट हैं. वे मैदान पर ढेर सारा दौड़-भाग करते हैं और अपनी फिटनेस पर गर्व करते हैं. शायद यही वजह है कि वे बड़े मौकों पर कभी पीछे नहीं हटते. वे खेल में बने रहना पसंद करते हैं, दर्शकों का मनोरंजन करते हैं. अगर आप सारी खूबियों को मिलाकर एक परफेक्ट क्रिकेटर बनाएं, तो जडेजा उस लिस्ट में सबसे ऊपर होंगे.”
अजय जडेजा ने भी की तारीफ
पूर्व भारतीय बल्लेबाज अजय जडेजा ने भी कहा कि रवींद्र जडेजा शायद कप्तान शुभमन गिल से भी ज्यादा कंसिस्टेंसी से प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी हैं. गिल ने सीरीज में 754 रन बनाकर कई रिकॉर्ड तोड़े, लेकिन जडेजा की कंसिस्टेंसी ने सबका ध्यान खींचा. अजय जडेजा ने लॉर्ड्स टेस्ट का जिक्र किया, जहां रवींद्र ने पहली पारी में 72 और दूसरी पारी में नाबाद 61 रन बनाए. दूसरी पारी खास थी, क्योंकि उन्होंने 50 ओवर से ज्यादा टेलएंडर्स के साथ बल्लेबाजी की और भारत को लगभग नामुमकिन जीत के करीब ले गए. अजय ने कहा, “जडेजा गिल से भी ज्यादा निरंतर रहे. उनकी चार पारियां ऐसी थीं, जो दूसरे छोर से बल्लेबाजी खत्म होने की वजह से अधूरी रहीं. पूरी सीरीज में सिर्फ दो बार वे जल्दी आउट हुए. लॉर्ड्स में जीत तो नहीं मिली, लेकिन जडेजा और मोहम्मद सिराज ने वहां जबरदस्त जुझारूपन दिखाया. वही से उनकी मजबूती की शुरुआत हुई. अगले मैच में उन्होंने ड्रॉ कराया, और आखिरी टेस्ट में भी रन बनाए.”
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