इरफान पठान ने पत्नी की हुई ऑनलाइन ट्रोलिंग पर तोड़ी चुप्पी, बोले- अगर मैं...

इरफान पठान ने ऑनलाइन ट्रोलिंग को लेकर कहा कि, मेरी पत्नी पर कई सारे कमेंट किए लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. मुझे अब इन सब चीजों से फर्क नहीं पड़ता इसलिए मैं किसी के कमेंट नहीं पढ़ता.

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अपनी पत्नी के साथ इरफान पठान

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इरफान पठान ने अपनी पत्नी की ट्रोलिंग को लेकर बड़ा बयान दिया है

पठान ने कहा कि, मेरी पत्नी को ऑनलाइन काफी ट्रोल किया गया था

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने हाल ही में खुलासा किया कि उनकी पत्नी, सफा बेग को कई बार ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. इरफान ने 2016 में सफा से शादी की थी, और तब से उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. नेल पॉलिश लगाने से लेकर ऑनलाइन धुंधली तस्वीर डालने तक, सफा को लगातार ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा.

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मेरी बीवी को ट्रोल किया गया: इरफान

इरफान ने 'द लल्लनटॉप' को बताया कि, "शुरुआत में बहुत बुरा लगा, और मुझे लगा कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी. मेरी पत्नी मेरे घर की मुखिया है. उसी तरह, मेरी मां हमारे घर की मुखिया थीं. अगर कोई मेरे घर के मुखिया के बारे में कुछ कहता है, तो यह सही नहीं लगता. हां, ट्रोलिंग हुई है, और वह भी गलत तरीके से. मेरी पत्नी को शुरू में बहुत बुरा लगा जब ऐसा हुआ. मेरा नियम है कि मैं कोई कमेंट नहीं पढ़ता."

उन्होंने आगे कहा, "अगर मेरी मर्जी होती, तो मैं हर दिन अपने परिवार की तस्वीरें डालता. लेकिन, एक पब्लिक व्यक्ति होने के बावजूद, मैं बहुत निजी इंसान हूं. मुझे लगता है कि हमारी असली खुशी को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए. हर कोई अपने बच्चों को बहुत सुंदर मानता है . मैं भी ऐसा ही मानता हूं. मेरा बेटा सुलेमान, मुझे लगता है वह सबसे सुंदर है, घुंघराले बाल और हल्की आंखों वाला. इमरान, उसके तौर-तरीके बहुत अच्छे हैं. और मेरी पत्नी को सुंदर बनाने वाली सिर्फ उसकी शक्ल नहीं, बल्कि उसका चरित्र भी है."

धोनी ने मुझे टीम से बाहर निकाला था

इरफान ने अंत में बताया कि शानदार प्रदर्शन के बावजूद, उन्हें एमएस धोनी की कप्तानी में बाहर बैठना पड़ा. 2009 के न्यूजीलैंड दौरे का जिक्र करते हुए, इरफान ने खुलासा किया कि उन्हें पूरी वनडे सीरीज में बेंच पर रखा गया और केवल दो टी20 मैचों में मौका मिला. जब उन्होंने मुख्य कोच गैरी कर्स्टन से जवाब मांगा, तो उन्हें बताया गया, "कुछ चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं," जिससे इरफान को साफ हो गया कि यह फैसला धोनी ने लिया था.

इरफान ने कहा, "कर्स्टन ने मुझे दो कारण दिए. उन्होंने कहा, 'कुछ चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं.' ये गैरी के सटीक शब्द थे. मैंने पूछा कि यह किसके हाथ में है, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं बताया. मुझे पहले से ही पता था कि यह किसके हाथ में है. प्लेइंग इलेवन का फैसला कप्तान की पसंद से होता है. फैसला कप्तान, कोच और प्रबंधन के पास होता है. उस समय धोनी कप्तान थे. मैं इस बात में नहीं जाऊंगा कि वह फैसला सही था या गलत, क्योंकि हर कप्तान को अपनी तरह से टीम चलाने का हक है."

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