कर्नाटक के बल्लेबाज करुण नायर ने आठ साल से ज्यादा समय बाद भारतीय टेस्ट टीम में शानदार वापसी की थी. लेकिन हाल ही में वेस्ट इंडीज के खिलाफ हुई दो मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्हें जगह नहीं मिली. जून की शुरुआत में शुभमन गिल की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए चुने गए नायर ने चार मैच खेले. इस सीरीज में भारत ने 2-2 से ड्रॉ किया. लेकिन 33 साल के नायर इस दौरान ज्यादा रन नहीं बना पाए. उन्होंने आठ पारियों में सिर्फ 205 रन बनाए, जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल था.
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चोट और फिर रणजी में वापसी
कुछ समय के लिए चोट की वजह से बाहर रहने के बाद, नायर को दलीप ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ इंडिया ए की सीरीज में भी नहीं चुना गया. लेकिन उन्होंने कर्नाटक के लिए रणजी ट्रॉफी में शानदार वापसी की. पहले राउंड में 73 और 8 रन बनाने के बाद, नायर ने गोवा के खिलाफ नाबाद 174 रन की शानदार पारी खेली. उनकी इस पारी की बदौलत कर्नाटक ने रविवार को 371 रन का स्कोर बनाया.
मुझे और मौके मिलने चाहिए थे: करुण
अपने 25वें फर्स्ट क्लास शतक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नायर ने अपनी निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा, “पिछले दो सालों में मेरे प्रदर्शन को देखते हुए मुझे लगता है कि मुझे और बेहतर मौके मिलने चाहिए थे. मुझे एक सीरीज से ज्यादा मौके मिलने चाहिए थे.” नायर ने बताया कि भारतीय टीम के कुछ लोगों ने उनसे अच्छी बातचीत की थी, लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा, “मन में ये बातें आती हैं, लेकिन मेरा काम रन बनाना है. बाकी लोग अपनी राय रख सकते हैं.” नायर ने अंत में कहा कि उनका लक्ष्य भारत के लिए खेलना है. लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो वो टीम के लिए मैच जीतना चाहते हैं.
नायर को लेकर सेलेक्टर्स ने क्या कहा था
चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ सीरीज से नायर को बाहर करने की वजह बताई. उन्होंने साफ कहा, “हमें उनसे इंग्लैंड में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी. चार टेस्ट में सिर्फ एक अर्धशतक पर्याप्त नहीं था.” अगरकर ने आगे कहा, “हम हर खिलाड़ी को 15-20 मौके देना चाहेंगे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाता.”
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