'धोनी ने मुझे गिरगिट बनने पर मजबूर कर दिया था', दिनेश कार्तिक का चौंकाने वाला खुलासा, बोले- मैं पूछता था...

दिनेश कार्तिक ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि, वो इतने अच्छे क्रिकेटर थे कि मुझे अलग अलग रास्ता ढूंढना पड़ रहा था. और अंत में मैं गिरगिट बनने पर मजबूर हो गया था.

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फिजियो संग एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक

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कार्तिक ने धोनी को लेकर बड़ा बयान दिया है

कार्तिक ने कहा कि धोनी ने मुझे गिरगिट बनने पर मजबूर कर दिया था

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने एमएस धोनी को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. कार्तिक ने कहा कि धोनी ने उन्हें गिरगिट बनने पर मजबूर कर दिया था क्योंकि मैं टीम इंडिया में डेब्यू के बाद अलग अलग रोल तलाश करने में लगा था. कार्तिक ने धोनी से 3 महीने पहले डेब्यू किया था. लेकिन इसके बावजूद भी वो हमेशा में टीम में परमानेंट रहने के लिए संघर्ष करते दिखे. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में बात करते हुए कार्तिक ने कहा कि धोनी ने अपनी धांसू बल्लेबाजी से टीम इंडिया में धमाकेदार एंट्री की थी.

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बवंडर की तरह टीम में आए थे धोनी

कार्तिक ने कहा कि उस दौरान धोनी की तुलना लेजेंड्री सर गारफील्ड सोबर्स से होने लगी थी. कार्तिक ने कहा कि, मैंने धोनी को ज्यादा खेलते हुए नहीं देखा था. लेकिन केन्या के खिलाफ ए सीरीज के दौरान हर कोई सिर्फ एक खिलाड़ी के बारे में बात कर रहा था. जिस तरह से वो गेंद मारता है, वैसी बैटिंग पहले कभी नहीं देखी थी. कई लोग इस खिलाड़ी की तुलना गैरी सोबर्स से कर रहे थे. धोनी की एक अलग तकनीक थी लेकिन वो गेंद को काफी ताकत से हिट करते थे. 

कार्तिक ने आगे कहा कि, भारतीय टीम उस दौरान राहुल द्रविड़ को विकेटकीपर के तौर पर इस्तेमाल कर रही थी. लेकिन द्रविड़ एक ऐसे पाइंट पर पहुंच चुके थे जिसके बाद उन्होंने साफ कहा कि वो सिर्फ बैटिंग पर फोकस करना चाहते हैं. द्रविड़ कहते थे कि विकेटकीपिंग में उनका शरीर काफी थक जाता है. इसके बाद फिर एक अच्छे विकेटकीपर की तलाश होने लगी. मैं गेस्ट अपीयरेंस की तरह आया लेकिन लीड रोल धोनी को मिला. उन्होंने आते ही बवाल काट दिया. धोनी के चलते मैं टीम इंडिया में अलग अलग रोल की तलाश में भटकने लगा. लेकिन अंत में मुझे कुछ हासिल नहीं हुआ. 

धोनी ने काफी कुछ सिखाया

कार्तिक ने आगे बताया कि, जब ऐसा कोई मौका आता है, तो आपको अपने अंदर झांकना चाहिए और सोचना चाहिए, मैं खुद का सबसे अच्छा रूप कैसे सामने लाऊं? इसलिए मैं थोड़ा-सा गिरगिट जैसा बन गया. अगर ओपनिंग का मौका मिलता, तो मैं तमिलनाडु जाकर पूछता, 'सर, क्या मैं ओपन कर सकता हूं?' मैं ओपनर के तौर पर रन बनाता ताकि टीम में जगह पा सकूं. वैसे ही, अगर भारत की टीम में मिडिल ऑर्डर में जगह होती, तो मैं वहां बल्लेबाजी के लिए कहता. हमेशा टीम में शामिल होने का रास्ता ढूंढता. लेकिन असली चुनौती थी उस जगह को बनाए रखना. मैंने खुद पर इतना दबाव डाला कि कई बार मैं वो नहीं कर पाया, जो वाकई जरूरी था.''

कार्तिक ने अंत में कहा कि,एमएस धोनी ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, कई बार ऐसे तरीकों से जो सीधे नहीं थे, लेकिन बहुत गहरे असर छोड़ते थे.''

कार्तिक ने आखिरी बार 2022 टी20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए खेला था. उन्होंने अपने करियर में 26 टेस्ट, 94 वनडे और 60 टी20 मैच खेले. वे 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. कार्तिक का करियर का सबसे शानदार पल 2018 में आया, जब उन्होंने निदहास ट्रॉफी फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ 8 गेंदों में 29* रन की तेज पारी खेलकर भारत को यादगार जीत दिलाई थी.
 

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