ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग ने आगामी सीजन से पहले स्लो ओवर रेट पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाया है. उसने इससे जुड़े नियमों को कड़ा कर दिया है. अब बॉलिंग टीम को समय पर मैच खत्म करने के लिए एक ही मौका मिलेगा. अगर उसमें मैच खत्म नहीं हुआ तो बाकी के मुकाबले में पावरप्ले वाले नियम लागू हो जाएंगे. यह नियम वीमेंस बिग बैश लीग पर भी लागू होंगे.
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बिग बैश लीग में स्लो ओवर रेट पर क्या होगा नियम
बीबीएल की प्लेइंग कंडीशंस में खेल के दौरान स्लो ओवर रेट की सजा को कड़ा किया गया है. इसके तहत हर पारी के दौरान काउंटडाउन टाइमर शुरू हो जाएगा. इसमें जैसे ही समय खत्म होगा वैसे ही बॉलिंग टीम को अपने एक फील्डर को 30 गज के दायरे में लाना होगा. यह बदलाव ओवर के बीच में भी करना होगा. ओवर के बाद बदलाव की छूट नहीं मिलेगी.
इसके बाद फिर से टाइमर को जीरो कर पांच मिनट की लिमिट सेट की जाएगी. डब्ल्यूबीबीएल में यह लिमिट 5.45 मिनट की रहेगी. अगर पारी के समाप्त होने से पहले टाइमर पूरा हो गया तो बाकी की बची पारी को पावरप्ले की तरह खेला जाएगा. इस दौरान केवल दो ही फील्डर 30 गज के बाहर रहेंगे. यह नियम भी ओवर के बीच से ही लागू हो जाएगा.
बीबीएल में स्लो ओवर रेट पर जुर्माना नहीं
बीबीएल में मैच के बाद स्लो ओवर रेट को लेकर किसी तरह का जुर्माना या अंकों की कटौती टीमों पर नहीं लगेगी. ऐसा मैच के दौरान दी जाने वाली सजा को कड़ी करने के लिए किया गया है. बीबीएल के एग्जीक्यूटिव जनरल मैनेजर एलिस्टेयर डॉबसन ने कहा कि नियम में बदलाव से एक तरह का रोमांच आएगा. स्लो ओवर रेट पर कड़ी सजा मैचों को तेज और फैंस के हिसाब से रखने के लिए की गई है.
क्रिकेट में स्लो ओवर रेट की समस्या पिछले कुछ सालों में बढ़ी है. इस पर लगाम लगाने के लिए आईसीसी ने मैच फीस कटौती के साथ ही आखिरी ओवर्स में फील्डिंग टीम को सजा के प्रावधान किए हैं. हालांकि इससे ज्यादा सुधार हो नहीं रहा.
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