ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद सुनील गावस्कर ने मनमर्जी से बड़ी स्क्वॉड चुनने पर सेलेक्टर्स को फटकारा, बोले- BCCI के पास पैसा है तो...

महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में बड़ी संख्या में खिलाड़ियों को चुनने पर सेलेक्टर्स को फटकारा है. उनका कहना है कि मनमर्जी से खिलाड़ियों के टेस्ट डेब्यू कराए जा रहे हैं.

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Batting great Sunil Gavaskar in frame

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ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय स्क्वॉड में 20 से ज्यादा खिलाड़ी चुने गए थे.

भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच टेस्ट की सीरीज में 3-1 से हार मिली थी. 

भारतीय टीम को अब जून-जुलाई में इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलनी है.

महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में बड़ी संख्या में खिलाड़ियों को चुनने पर सेलेक्टर्स को फटकारा है. उनका कहना है कि मनमर्जी से खिलाड़ियों के टेस्ट डेब्यू कराए जा रहे हैं. स्क्वॉड में केवल 16 खिलाड़ी ही होने चाहिए. बेवजह बड़ी-बड़ी स्क्वॉड नहीं होनी चाहिए. उनका यह बयान ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम की हार के बाद आया है. यहां पर भारतीय स्क्वॉड में 20 से ज्यादा खिलाड़ी चुने गए थे. मुख्य स्क्वॉड में 18 खिलाड़ी थे जबकि तीन नाम रिजर्व के लिए रखे गए. भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच टेस्ट की सीरीज में 3-1 से हार मिली थी. 

गावस्कर ने स्पोर्टस्टार के लिए लिखे लेख में साफ कहा कि भारत का अगला दौरा इंग्लैंड का है और इसके लिए केवल 16 खिलाड़ियों का चयन होना चाहिए. उन्होंने लिखा, 'ऑस्ट्रेलिया के लिए 20 के करीब खिलाड़ियों की स्क्वॉड की बात कुछ हद तक समझ आती है क्योंकि इस देश तक पहुंचना आसान नहीं होता है और स्थानीय टाइम जोन के हिसाब से ढलने में कुछ दिन लग जाते हैं. इंग्लैंड में इस तरह की दिक्कत नहीं है लेकिन कई बार भारत के गर्म मौसम की तुलना में यहां की ठंडी हवाएं मुश्किल पेश करती हैं. फिर भी 16 से ज्यादा खिलाड़ियों को ले जाना दिखाता है कि सेलेक्टर्स में भरोसा नहीं है और यह अच्छी बात नहीं है. बीसीसीआई के पास पैसा है और वह बड़ा दल भेज सकता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि यूं ही किसी को भी भारतीय टीम में चुन लिया जाए.'

गावस्कर बोले- एक साथ सफर करे भारतीय टीम

 

गावस्कर ने यह भी साफ किया कि जब भी भारतीय टीम किसी विदेशी दौरे पर जाए तब सभी खिलाड़ियों और कोचेज को साथ में सफर करना चाहिए. अगर कोई चोटिल है तब बात अलग है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण दिया और कहा कि यहां पर चार बैच में भारतीय स्क्वॉड गई. पहले दो दिन तक टीम बिना कप्तान, उपकप्तान और कोच के थी. इससे खराब संदेश जाता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इंग्लैंड दौरे पर ऐसा नहीं होगा और सभी खिलाड़ी एक साथ जाएंगे. टीम का नेतृत्व करने वालों को आगे रहते हुए सबसे पहले जाना चाहिए.

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