Vinod Kambli : भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली हाल ही में जब रमाकांत आचरेकर के मेमोरियल इवेंट में नजर आए तो उनकी हालत ने सभी का दिल पसीज दिया. कांबली शारीरिक और मानसिक तौरपर काफी बीमार नजर आए और वह सही से चल भी नहीं पा रहे थे. कांबली की हालत देखकर साल 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव और सुनील गावस्कर जैसे खिलाड़ियों ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए, लेकिन कपिल देव ने शर्त रखी थी कि वो कांबली की मदद तभी करेंगे, जब वह एक बार फिर रिहैब में जाने को तैयार होंगे. कांबली ने अब कपिल देव के ऑफर को स्वीकार कर लिया और अपने ख़ास दोस्त सचिन तेंदुलकर को लेकर भी दिल जीतने वाली बात कही.
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विनोद कांबली ने स्वीकारी कपिल देव की शर्त
कांबली ने कुछ समय पहले ही बताया था कि उनकी आय का एकमात्र स्त्रोत बीसीसीआई से हर महीने मिलने वाली पेंशन (30 हजार रुपये) है. उन्होंने अब एक यूट्यूब चैनल पर कपिल देव की बात मानते हुए कहा,
मेरी आर्थिक स्थिति काफी बुरी है. लेकिन मेरी पत्नी ने जिस तरह से सबकुछ संभाला है, उसके लिए मैं उनको सलाम करना चाहता हूं. गावस्कर ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी और कपिल देव की बात से सहमत होकर मैं रिहैब में जाने को तैयार हूं. क्योंकि जब तक मेरा परिवार मेरे साथ है तो मुझे किसी चीज का डर नहीं है. मैं रिहैब पूरा करके वापस आऊंगा.
सचिन तेंदुलकर को लेकर कही बड़ी बात
कांबली ने साल 2009 में सचिन तेंदुलकर को लेकर विवादित बयान दिया था कि उन्होंने मदद नहीं की. इस पर अब कांबली ने कहा,
सचिन के बारे में ऐसा बोलकर मुझे काफी निराशा हुई थी. शायद उनसे उतनी मदद नहीं मिली जितनी मिली चाहिए थी. सचिन ने 2013 में मेरी दो सर्जरी के लिए पैसे दिए थे. मैं उनका शुक्रगुजार हूं और हमारे बीच सबकुछ सही है.
विनोद कांबली का करियर
विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर ने मुंबई में एक साथ क्रिकेट खेला और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर भी भारत के लिए डेब्यू किया. सचिन तेंदुलकर जहां भारत के महान बल्लेबाज बनकर सामने आए लेकिन कांबली का करियर लंबा नहीं रहा और शराब की लत के चलते उनकी हालत बिगड़ती चली गई. कांबली ने साल 1993 से लेकर 2000 के बीच भारत के लिए 17 टेस्ट और 104 वनडे मुकाबले खेले. टेस्ट में उनके नाम 1084 रन तो वनडे में 2477 रन दर्ज हैं.
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